Viral News: अस्पताल में धोखा! सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए दिए 2300 रुपये, असिस्टेंट ने किया इलाज
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Viral News: अस्पताल में धोखा! सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए दिए 2300 रुपये, असिस्टेंट ने किया इलाज

Viral News: दिल्ली के गजेंद्र यादव ने अपोलो अस्पताल में सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए 2300 रुपये की फीस दी, लेकिन उन्हें असिस्टेंट से ही इलाज कराया गया. असिस्टेंट ने उनका केस देखा और सीनियर डॉक्टर ने केवल उनसे चर्चा की. गजेंद्र यादव ने इसे धोखा बताते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया.

Viral News: अस्पताल में धोखा! सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए दिए 2300 रुपये, असिस्टेंट ने किया इलाज

Apollo Hospital Viral News:  हाल ही में दिल्ली के सरीता विहार स्थित अपोलो अस्पताल में गजेंद्र यादव ने एक बेहद निराशाजनक अनुभव साझा किया. उन्होंने सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट बुक किया था, लेकिन उन्हें डॉक्टर के असिस्टेंट से ही मुलाकात कराई गई. गजेंद्र ने बताया कि सीनियर डॉक्टर ने असिस्टेंट से उनका केस संक्षेप में चर्चा किया फिर उन्हें कुछ निर्देश दिए और चले गए. गजेंद्र यादव ने इसे "बहुत ही गंदी" अनुभव बताया और कहा कि इस तरह की सेवा से उन्हें काफी निराशा हुई, क्योंकि उन्होंने जो इलाज और ध्यान की उम्मीद की थी, वह नहीं मिला.

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2300 रुपये देने के बावजूद सीनियर डॉक्टर की जगह असिस्टेंट से मिला इलाज

गजेंद्र यादव ने अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर शेयर किया जो अब वायरल हो चुका है और इसे 1.3 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. उन्होंने अपोलो अस्पताल सरीता विहार में सीनियर डॉक्टर से कंसल्टेशन के लिए 2300 रुपये की फीस दी थी, लेकिन उन्हें असिस्टेंट से ही मुलाकात कराई गई. असिस्टेंट ने 10-15 मिनट तक उनका केस देखा, फिर सीनियर डॉक्टर आए और असिस्टेंट से चर्चा की. इस दौरान असिस्टेंट ने उन्हें सुझाव दिए कि क्या करना है और क्या नहीं. गजेंद्र ने सवाल उठाया कि सीनियर डॉक्टर की विशेषज्ञता और सुझाव कहां गए.

पोस्ट करते हुए लिखा

गजेंद्र यादव ने अपोलो अस्पताल को टैग करते हुए लिखा, "यह कैसा व्यवहार है?" उन्होंने आगे कहा, "यह बिल्कुल घिनौना है," और , "हमें कौन बताएगा कि कंसल्टेशन की फीस असिस्टेंट से मिलने के लिए ली जाती है, न कि सीनियर डॉक्टर से? हमने तो सीनियर डॉक्टर से मिलने के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लिया था."

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गजेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि असिस्टेंट्स के लिए एक अलग OPD चलानी चाहिए

गजेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि असिस्टेंट्स के लिए एक अलग OPD चलानी चाहिए, ताकि वे "सीख सकें या प्रयोग कर सकें," न कि उन्हें प्राइवेट कंसल्टेशन में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा, "हमें सूचित किया जाना चाहिए था कि डायग्नोसिस असिस्टेंट द्वारा किया जाएगा, न कि सीनियर डॉक्टर से." उन्होंने कहा, "मैं सीनियर डॉक्टर से मदद की उम्मीद कर रहा था, ताकि जल्दी ठीक हो सकूं. यह क्या है, बस बातें घुमा देना?"

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