Waqf Bill: महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच STF कर रही है, वहीं विपक्ष उस भगदड़ को संसद तक ले आया है. संसद में भगदड़ को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. संसद का सत्र शुरू होते ही विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी की. सवाल ये है कि क्या वक्फ संशोधन बिल लटकाने के लिए सुनियोजित तौर पर महाकुंभ में भगदड़ का मुद्दा उछाला गया?
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Waqf Amendment Bill: संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को रामगोपाल वर्मा, इमरान मसूद, जया बच्चन, प्रमोद तिवारी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की मौत का मामला उठाया. ये वाकई बेहद दुर्भाग्यपूर्ण विषय है. जिस पर विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है. ये उनका हक है क्योंकि महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों पर उठे हर एक सवाल का जवाब जानने का अधिकार विपक्ष के साथ-साथ हमें और आपको और पूरे देश को है. वहीं इसी के साथ विपक्ष से भी कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब उन्हें देना चाहिए.
सत्ता पक्ष से ये सवाल पूछा जा रहा है कि मौत का सही आंकड़ा क्या है? तो क्या विपक्ष को ये नहीं बताना चाहिए कि, जब STF की जांच अभी जारी है तो फिर हंगामा क्यों कर रहे हैं?
विपक्ष, यूपी सरकार से ये भी सवाल पूछ रहा है कि आखिर इस हादसे का असल जिम्मेदार कौन है? हम भी कह रहे हैं कि इस सवाल का
एकदम स्पष्ट जवाब दिया जाना चाहिए. वहीं विपक्ष से ये सवाल है कि क्या हंगामा करने से जवाब मिल जाएगा?
विपक्ष के हंगामे की टाइमिंग पर सवाल
पक्ष और विपक्ष दोनों से इन सवालों का इंतजार है. लेकिन संसद में विपक्ष के हंगामे की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि सोमवार को
JPC पर वक्फ की रिपोर्ट पेश होनी थी. ऐसे में सवाल उठा कि क्या विपक्ष ने वक्फ बिल टालने के लिए 'सुनियोजित' हंगामा किया?
विपक्ष ने लगातार हंगामे से नाराज स्पीकर ओम बिरला ने कहा, 'अगर आप सदन को नियोजित तरीके से स्थगित करने आए हो तो मैं आपसे कुछ नहीं कहा जा सकता है.' दरअसल लोकसभा में हंगामा और राज्यसभा से विपक्ष का वॉकआउट. विपक्ष ने मुद्दा भले ही महाकुंभ में हुई भगदड़ का उठाया. लेकिन विपक्ष की टाइमिंग पर सवाल उठ रहे हैं. सवाल ये कि क्या महाकुंभ सिर्फ बहाना था, शायद असल में वक्फ बिल लटकाना था.
सोमवार को पेश होनी थी वक्फ संशोधन बिल की रिपोर्ट
महाकुंभ में हुई भगदड़ के मामले में विपक्ष जल्दबाजी में भी दिख रहा था. विपक्ष को सवाल पूछने का मौका मिलने वाला था. लेकिन विपक्ष के रुख से लगा की सांसदों ने जरा भी धैर्य नहीं धरा. संसद में सोमवार को वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होनी थी, लेकिन इससे पहले ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा काट दिया.
विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति अभिभाषण में सवाल पूछने का इंतजार नहीं किया. जिसके बाद जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने की तारीख आगे बढ़ा दी गई. वक्फ बिल, एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसे लेकर संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष ने माहौल तैयार कर दिया है. ऐसा माहौल, जिसके बाद ये सवाल उठनने लगे हैं कि क्या वक्फ बिल के जरिए शाहीन बाग पार्ट टू की तैयारी है.
वक्फ के बहाने शाहीन बाग 2.0 की तैयारी?
ये सवाल क्यों उठ रहे हैं इसके लिए CAA-NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान का माहौल समझना होगा. दरअसल इस समय देश में वक्फ बिल को लेकर जो माहौल तैयार हो रहा है, उसकी और CAA-NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान बने माहौल की क्रोनोलॉजी को समझने की जरूरत है.
CAA को लेकर मुसलमानों में झूठा प्रचार किया गया. वक्फ बिल को लेकर भी ये डर पैदा किया जा रहा है कि मुसलमानों की मस्जिदें छिन जाएंगी.
CAA को लेकर नेताओं ने भड़काऊ बयान दिया. वक्फ बिल को लेकर भी बयानबाजी जारी है. CAA प्रदर्शन में राजनीतिक पार्टियों को मौलानाओं का साथ मिला. वक्फ बिल के खिलाफ भी मुस्लिम धर्मगुरु लामबंद हो रहे हैं
CAA यानी नागरिकता संशोधन बिल को संसद में पास हो गया. जिसके बाद शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुए. इधर वक्फ बिल की रिपोर्ट संसद में पेश होनी है. जिसके बाद आगे का रोडमैप तैयार होगा. अब सवाल उठ रहा है कि अगर ये बिल पास हो गया तो क्या फिर से शाहीन बाग जैसा प्रदर्शन होगा?
दरअसल वक्फ बिल पर सरकार और विपक्ष दोनों का रुख साफ है. लड़ाई आर-पार की हो गई है. लेकिन इस बिल को लेकर जो क्रोनोलॉजी बनती जा रही है,वो वाकई चिंताजनक है.