Photo: दुनिया में कई अनोखी परंपराएं हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ऐसी ही एक परंपरा कुछ देशों में "किराए पर पत्नी लेने" की है। यहां पैसे देकर महिलाएं अस्थायी रूप से बीवी बन सकती हैं. कुछ जगहों पर यह पूरी तरह बिजनेस की तरह चलता है, जहां महिलाएं इसे कमाई का जरिया बना लेती हैं. यह परंपरा भले ही अजीब लगे, लेकिन कई जगहों पर इसे सामाजिक रूप से स्वीकार किया जाता है.
दुनिया के हर हिस्से का अपना अलग संस्कृति और रीति-रिवाज होता है, जो वहां के लोगों की सोच और व्यवहार को प्रभावित करता है. कई बार भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के कारण कुछ अजीबोगरीब परंपराएं भी चलन में आ जाती हैं. ऐसी ही एक अनोखी परंपरा कुछ देशों में देखने को मिलती है, जहां पैसे देकर पत्नी बनाने का रिवाज है. यह अब एक व्यवसाय का रूप ले चुका है, जहां महिलाएं अस्थायी रूप से बीवी बनने के बदले पैसे कमाती हैं.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के ग्रामीण इलाकों में घूमने आए सैलानियों को कुछ महीनों के लिए अस्थायी पत्नियां मिल जाती हैं. पश्चिमी इंडोनेशिया के पंकाक (Puncak) इलाके में यह अनोखा ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है. खासकर मिडिल ईस्ट के सैलानी यहां आते हैं और शॉर्ट-टर्म शादियों में रुचि दिखाते हैं. यह प्रथा अब एक संगठित व्यवसाय का रूप ले रही है, जहां शादी कुछ महीनों तक ही चलती है.
इंडोनेशिया के कोटा बंगा नामक पहाड़ी रिसॉर्ट में आने वाले टूरिस्ट्स को बाकायदा एजेंसियों के जरिए ग्रामीण महिलाओं से मिलवाया जाता है. पैसे के लेन-देन की बातचीत के बाद दोनों की छोटी अनौपचारिक शादी करवा दी जाती है. यह शादी तब तक चलती है, जब तक आदमी की ट्रिप खत्म नहीं होती. जैसे ही टूरिस्ट वहां से चला जाता है, यह रिश्ता भी खत्म हो जाता है. यह प्रथा अब एक संगठित व्यवसाय बन गई है, जहां शादी सिर्फ कुछ हफ्तों या महीनों के लिए होती है.
ऐसी शॉर्ट-टर्म शादियां करवाने वाले एजेंट दुल्हन के पैसों का आधा हिस्सा रख लेते हैं, जबकि लड़की को सिर्फ आधी रकम मिलती है. यह रकम 40,000 से 80,000 रुपये तक हो सकती है. थाईलैंड में भी इसी तरह की प्रथा है, जहां कॉन्ट्रैक्ट पर पत्नियां मिलती हैं. वहां इस तरह की शादी के लिए 15,000 से 25,000 रुपये तक का भुगतान करना पड़ता है. यह प्रथा अब एक बिजनेस का रूप ले चुकी है, जहां रिश्ते सिर्फ समय और पैसे पर निर्भर होते हैं.
इस तरह की अनौपचारिक और अस्थायी शादियों को "प्लेज़र मैरिज" कहा जाता है. लॉस एंजेलेस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रथा से इलाके में टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है. एक महिला जो 17 साल की उम्र से इस काम में जुड़ी है, उन्होंने बताया कि अब तक वह 15 बार शादी कर चुकी है. इस तरह की शादियां कुछ दिनों या महीनों तक चलती हैं और फिर टूरिस्ट के जाने के साथ ही खत्म हो जाती हैं.
लीगल सर्विसेज इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड में महिलाओं की नीलामी होती है, जहां 8 से 15 साल की कुंवारी लड़कियों को प्राथमिकता दी जाती है. इन महिलाओं को 15,000 से 25,000 रुपये तक की रकम दी जाती है, जबकि कुछ मामलों में 2 लाख रुपये तक भी मिल सकते हैं. इसके साथ ही एक साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जाता है, जिसे बाद में बढ़ाया भी जा सकता है. यह परंपरा न केवल चौंकाने वाली बल्कि गंभीर सामाजिक मुद्दों को उजागर करने वाली है, जहां महिलाओं को सिर्फ पैसों के लिए अस्थायी रिश्तों में बांधा जाता है.
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