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Trending News: वैज्ञानिक समुदाय में हमेशा से यह बहस होती रही है कि क्या धरती के बाहर जीवन का अस्तित्व है. लेकिन इस गर्मी में अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र के निवासी एक अलग तरह के ‘अजनबी’ का आगमन देखेंगे: वह है ‘पिरियोडिकल सिसाडा’ (सिस्टिडा) की वापसी. यह कीड़े अपनी अद्वितीय जीवन चक्र और आकर्षक रूप के कारण अक्सर अजनबी माने जाते हैं.
17 साल बाद फिर से उभरेंगे सिसाडा कीड़ों के झुंड
इस साल 2025 में, 17 साल बाद एक विशेष प्रजाति के सिसाडा कीड़े पुनः उभरने के लिए तैयार हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इनकी वापसी से अमेरिका के 13 से अधिक राज्यों में महत्वपूर्ण असर हो सकता है. 'ब्रूड XIV' सिसाडा कीड़ों का झुंड 17 साल के लंबे समय बाद जमीन के नीचे से बाहर निकलेगा.
किस राज्य में होंगे सिसाडा के झुंड
इस बार, न्यूयॉर्क, जॉर्जिया, केंटकी, इंडियाना, मैसाचुसेट्स, मैरीलैंड, नॉर्थ कैरोलिना, न्यू जर्सी, ओहियो, पेंसिल्वेनिया, टेनेसी, वर्जीनिया और वेस्ट वर्जीनिया जैसे राज्यों में ये लाल आंखों वाले कीड़े दिखाई देंगे. वैज्ञानिकों के अनुसार, ये कीड़े सामान्यत: तब बाहर आते हैं जब जमीन का तापमान 64°F (18°C) से ऊपर चला जाता है और यह प्रक्रिया अप्रैल से जून तक जारी रहती है.
इन कीड़ों का शोर है सबसे बड़ा खलल
सिसाडा कीड़ों का शोर इतना तीव्र होता है कि यह कई बार लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता है. मादा को आकर्षित करने के लिए नर सिसाडा एक तेज, चीरते हुए शोर का उत्पादन करते हैं, जिसे अक्सर लॉनमावर की आवाज के समान बताया जाता है. यह शोर इतना अधिक होता है कि इसके कारण अमेरिका भर में पुलिस विभागों के पास शिकायतें आई हैं.
साउथ कैरोलिना के न्यूबेरी काउंटी शेरिफ ऑफिस ने कहा कि उन्हें सिसाडा के शोर को लेकर कई शिकायतें मिली हैं. कुछ लोग इसे आसमान से आती एक सायरन की आवाज या एक दबी हुई, गरजने वाली आवाज मान रहे थे. बाद में पता चला कि यह शोर सिसाडा कीड़ों का था. हालांकि, इन कीड़ों का शोर मानवों या जानवरों के लिए कोई खतरा नहीं है.
क्या होगा सिसाडा की वापसी का असर?
यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के अनुसार, इन सिसाडा की वापसी 2025 में होगी. ब्रूड XIV, या ब्रूड 14, सिसाडा की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है, जिनकी लंबाई लगभग 2 इंच होती है. जब ये बाहर निकलते हैं, तो ये चार से छह हफ्तों तक सक्रिय रहते हैं, फिर जल्दी ही गायब हो जाते हैं.
जॉर्जिया टेक के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर साद भामला के अनुसार, इन कीड़ों का प्रभाव उतना बड़ा नहीं होगा जितना कि दो सौ साल पहले हुआ था. वह कहते हैं, “वे सिर्फ पेड़ों पर चढ़ते हैं और पेशाब करते हैं.” हालांकि, इन कीड़ों का अचानक उभरना और उनका शोर कुछ समय के लिए निश्चित रूप से असहज हो सकता है, लेकिन इसके मानव जीवन पर कोई बड़ा खतरा नहीं होगा.