अजीब परंपरा: लोग अपनी मौत के लिए खरीदते हैं अपनी पसंदीदा कब्र, कपड़े और ताबूत
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अजीब परंपरा: लोग अपनी मौत के लिए खरीदते हैं अपनी पसंदीदा कब्र, कपड़े और ताबूत

Weird Funeral: लोग जीवित रहते ही अंतिम संस्कार की वस्तुएं खरीद रहे हैं. जी हां, एक ऐसा देश है जहां लोग मरने से पहले ही कब्र, कपड़े और कफन खरीद लेते हैं. आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि...

 

अजीब परंपरा: लोग अपनी मौत के लिए खरीदते हैं अपनी पसंदीदा कब्र, कपड़े और ताबूत

Weird Tradition: जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके अंतिम संस्कार के लिए वस्तुएं खरीदी जाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि लोग जीवित रहते हुए ही अंतिम संस्कार की चीजें खरीदते हैं? जी हां, एक ऐसा देश है जहां लोग मरने से पहले ही कब्र, कपड़े और कफन खरीद लेते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसके लिए एक महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है. जिसे शुकात्सु महोत्सव के नाम से जाना जाता है.

 

मृत्यु-अंतिम संस्कार के लिए शुकात्सु महोत्सव

जापान एक ऐसा देश है जहां जीवित लोग अपनी मृत्यु के लिए आवश्यक वस्तुएं पहले ही खरीद लेते हैं. राजधानी टोक्यो में अंत्येष्टि व्यापार मेला लगता है और लोग वहां खरीदारी करने जाते हैं. शुकात्सु महोत्सव हर वर्ष 16 दिसंबर को उत्सव के दिन के रूप में मनाया जाता है.

 

अंतिम संस्कार के लिए पोशाक

इस त्यौहार को 'शुकात्सु फेस्टा' भी कहा जाता है. इस त्यौहार के दौरान लोग अपने अंतिम संस्कार के लिए पोशाक चुनते हैं, फूलों से भरे ताबूत का पर्चा काटते हैं और यहां तक ​​कि उसमें लेटकर तस्वीरें भी खिंचवाते हैं. इतना ही नहीं, लोग कब्रिस्तानों में प्लॉट भी खरीद लेते हैं. मृत्यु एक ऐसा विषय है जिसके बारे में लोग अधिक नहीं सोचते. वास्तव में, मृत्यु का जश्न मनाना संभवतः सबसे बुरा विचार है. टोकियो के शुकात्सु महोत्सव में लोगों को सिखाया जाता है कि मृत्यु के लिए उचित तैयारी कैसे करें. जापानी भाषा में 'शुकात्सु' का अर्थ है अपने अंत की तैयारी करना.

 

इस व्यवसाय को 'लास्ट राइट' कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बात से अवगत कराना है कि मृत्यु के बाद क्या होता है तथा उनके चले जाने के बाद पीछे रह गए लोगों का क्या होता है. विजिटर्स को यह भी सिखाया जाता है कि मृत्यु के बाद व्यक्ति के शरीर को कैसे तैयार किया जाए. जापान में न केवल विश्व की सबसे वृद्ध आबादी रहती है, बल्कि सबसे बड़ा अंतिम संस्कार उद्योग भी यहीं है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह त्योहार केवल वरिष्ठ नागरिकों के लाभ के लिए है। बड़ी संख्या में युवा लोग भी ऐसी ही रुचि दिखाते हैं.

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