Zara Hatke: जब अफसरों ने नहीं सुनी फरियाद तो गधे पर चढ़कर पहुंच गया कलेक्ट्रेट, चांदी की प्लेट में रखकर खिलाए काजू-बादाम; फिर...
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Zara Hatke: जब अफसरों ने नहीं सुनी फरियाद तो गधे पर चढ़कर पहुंच गया कलेक्ट्रेट, चांदी की प्लेट में रखकर खिलाए काजू-बादाम; फिर...

Demonstration against officers: अफसरों को बार बार शिकायत दिए जाने के बावजूद जब उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ तो एक व्यक्ति ने दिलचस्प अंदाज में उन्हें नींद से जगाने का फैसला कर लिया. वह गधे पर बैठकर कलेक्ट्रेट पहुंच गया और वहां पर उसे चांदी की प्लेट में काजू खिलाए. 

Zara Hatke: जब अफसरों ने नहीं सुनी फरियाद तो गधे पर चढ़कर पहुंच गया कलेक्ट्रेट, चांदी की प्लेट में रखकर खिलाए काजू-बादाम; फिर...

Demonstration against officers by sitting on a donkey: हमारे देश में अफसरों की लालफीताशाही के बारे में तो सब जानते हैं. समस्याओं को लटकाए रखना और लोगों को चक्कर कटवाते रहना उनका प्रिय शगल रहा है. लेकिन एक व्यक्ति ने अफसरों की प्रवृति के खिलाफ ऐसा कदम उठाया कि सब हैरान रह गए. उनके इस अजीबगरीब कदम की चर्चा अब पूरे इलाके में हो रही है. वहीं अधिकारियों पर इसके बावजूद कोई असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है. 

आश्वासन देकर लटकाते रहे अफसर

रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक व्यक्ति मनोज अग्रवाल की जमीन की पैमाइश का मामला लंबे वक्त से लटका हुआ है. वह अपनी इस पैमाइश को करवाने के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. अफसरों के इस रवैये से परेशान होकर मनोज अग्रवाल ने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन करने ठान ली. 

गधे पर बैठकर कलेक्ट्रेट पहुंचा पीड़ित

वे छतरपुर में अधिकारियों के जनसुनवाई कार्यक्रम में गधे पर सवाकर होकर पहुंच गए. वहां जाने से पहले मनोज अग्रवाल ने गधे को माला पहनाई और कलेक्ट्रेट पहुंचने पर चांदी की प्लेट में काजू-बादाम खिलाए. प्रदर्शनकारी मनोज अग्रवाल ने अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले भी प्रदर्शन किया था. उनकी मांग अपनी जमीन की पैमाइश करवाने की है, लेकिन कई बार लिखित आग्रह करने के बावजूद आज तक उनकी फरियाद नहीं सुनी गई है. 

बताया- क्यों किया ऐसा अनोखा प्रदर्शन

मनोज आगे बताया कि यह अनोखा प्रदर्शन इसलिए किया क्योंकि वे कई बार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन दे चुके हूं लेकिन मेरी बात किसी ने नहीं सुनी. इसलिए मैं इस बार गधे को माला पहनाकर और उसे काजू खिलाकर इस प्रकार जनसुनवाई में शामिल होने आया हूं. अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं. फिर वही लोग चांदी की प्लेट में रखकर काजू-किशमिश खाते हैं. इसलिए मैंने गधे को काजू खिलाकर मैसेज दिया है कि शायद अधिकारी अब मेरी समस्या का समाधान कर ही दें.

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