Pakistan National Accountability Bureau: जवाबदेही पर नजर रखने वाली संस्था ने फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, सभी प्रांतों के भ्रष्टाचार रोधी विभागों, बैंकिंग अदालतों और पुलिस को खत लिखकर नए संशोधनों के बाद इन विभागों को रेफर किए गए सभी मामलों को वापस करने के लिए कहा है.
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Corruption in Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति जरदारी समेत अन्य नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. देश की भ्रष्टाचार रोधी संस्था ने इन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया है.
भ्रष्टाचार रोधी कानून में हालिया संशोधन को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से खारिज किए जाने के बाद यह फैसला लिया गया. गुरुवार को पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट में कहा गया कि नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने भ्रष्टाचार मामलों का एक ब्योरा जवाबदेही अदालतों को सौंपा है और उनसे कहा है कि भ्रष्टाचार के उन मामलों को फिर से खोला जाए, जिनका संबंध 50 करोड़ रुपये से कम की राशि से है.
कई बड़े नेताओं की बढ़ी मुश्किलें
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश के भ्रष्टाचार रोधी कानूनों में हाल में हुए संशोधन को रद्द करते हुए सार्वजनिक पदों पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को बहाल कर दिया. इनमें पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ, यूसुफ रजा गिलानी, राजा परवेज अशरफ, शौकत अजीत, इमरान खान और शाहिद खाकान अब्बासी के नाम शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की ओर से पिछले साल दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया था. याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तत्कालीन सरकार की तरफ से जवाबदेही कानूनों में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई थी. अन्य चीजों के अलावा संशोधन में NAB के न्यायिक अधिकार क्षेत्र को उन मामलों तक सीमित कर दिए गए थे, जिनका संबंध 50 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि से है.
सभी मामले वापस करने का आदेश
रिपोर्ट के अनुसार, जवाबदेही पर नजर रखने वाली संस्था ने फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, सभी प्रांतों के भ्रष्टाचार रोधी विभागों, बैंकिंग अदालतों और पुलिस को खत लिखकर नए संशोधनों के बाद इन विभागों को रेफर किए गए सभी मामलों को वापस करने के लिए कहा है.
एक सूत्र के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी अदालतों और विभागों से संपर्क करने का फैसले एनएबी के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) नजीर अहमद बट की अगुआई में लिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि नए संशोधनों के बाद जवाबदेही अदालतों ने सफेदपोश अपराध के उन मामलों की निगरानी एनएबी को लौटा दी थी, जिनका संबंध 50 करोड़ रुपये से कम की राशि से है.
21 अक्टूबर को पाक लौटेंगे नवाज
लेकिन पुराने कानून को बहाल कर दिए जाने से कई दिग्गज नेताओं के खिलाफ मामले फिर से खुल गए हैं, जिनमें जरदारी, नवाज शरीफ, इमरान खान, यूसुफ रजा गिलानी आदि के नाम शामिल हैं. नवाज शरीफ (73) के 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटने का कार्यक्रम है.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख नवाज शरीफ लंदन में चार साल के स्वनिर्वासन के बाद स्वदेश वापसी करेंगे, लेकिन उन्हें तोशखाना मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है. साल 2020 में एक जवाबदेही अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में घोषित अपराधी करार दिया था और इसी मामले में जरदारी और गिलानी भी आरोपी हैं.