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170% बढ़ी कांग्रेस की इनकम, बीजेपी की हुई रिकॉर्ड कमाई; इलेक्टोरल बॉन्ड्स का आ गया पूरा चिट्ठा

चुनाव आयोग के पास दाखिल पार्टी की हालिया वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा की सालाना कमाई 2022-23 में 2360.8 करोड़ रुपये से 83% बढ़कर 2023-24 में 4340.5 करोड़ रुपये हो गई है. जिसमें से 1685.6 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के माध्यम से आए. यह किसी भी पार्टी के ज़रिए घोषित बॉन्ड से अब तक की सबसे ज्यादा कमाई है.

 

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इसी अवधि के दौरान कांग्रेस के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसकी आय 452.4 करोड़ रुपये से 170 फीसद बढ़कर 1225 करोड़ रुपये हो गई. मुख्य विपक्षी दल ने भी बॉन्ड के माध्यम से 384 फीसद की भारी वृद्धि दर्ज किया है, जो वित्त वर्ष 2023 में 171 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 828.4 करोड़ रुपये हो गई. कांग्रेस के पास बॉन्ड से दूसरी सबसे ज्यादा इनकम है.

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दोनों मामलों में कांग्रेस ने बीआरएस को पीछे छोड़ दिया है. जिसने 685.5 करोड़ रुपये की कुल आय घोषित की और टीएमसी ने 2023-24 में बॉन्ड से 612.4 करोड़ रुपये हासिल किए. खर्च के मामले में पिछले वित्तीय वर्ष में भाजपा का कुल खर्च 2211.7 करोड़ रुपये रहा, जो 2022-23 में के 1361.7 करोड़ रुपये से 62% ज्यादा है. इसमें से 1754 करोड़ रुपये चुनाव और सामान्य प्रचार पर खर्च किए गए.

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कांग्रेस ने 2023-24 में 1025.2 करोड़ रुपये का सालाना खर्च किया, जो 2022-23 में 467.1 करोड़ रुपये से 120% ज्यादा है. 14 जनवरी से 16 मार्च 2024 के बीच हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर पार्टी ने करीब 49.6 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक की गई उनकी भारत जोड़ो यात्रा के पहले संस्करण पर 71.8 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. 

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भाजपा 2023-24 की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कुल 3967 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक योगदान में से 1685.6 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड से, 236.3 करोड़ रुपये आजीविका सहयोग निधि से और 2042.7 करोड़ रुपये 'अन्य' योगदान से आए. 

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व्यक्तिगत दानदाताओं ने भाजपा को लगभग 240 करोड़ रुपये, कॉरपोरेट्स ने 1890 करोड़ रुपये, संस्थानों और कल्याण निकायों ने 101.2 करोड़ रुपये और अन्य ने 50 करोड़ रुपये का योगदान दिया. कॉरपोरेट दानदाताओं से 170 करोड़ रुपये, चुनावी ट्रस्टों और फाउंडेशनों से 6.4 करोड़ रुपये, बॉन्ड से 828.4 करोड़ रुपये और 11.4 करोड़ रुपये 'अन्य' से. 

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भाजपा ने फीस और सदस्यता से अतिरिक्त 22 करोड़ रुपये हासिल किए हैं. इसके अलावा कूपन जारी करने और प्रकाशनों की बिक्री से 58.5 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए हैं. 

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2023-24 के लिए भाजपा की ऑडिट रिपोर्ट में विज्ञापन और प्रचार पर 1195 करोड़ रुपये, यात्रा पर 196.8 करोड़ रुपये और उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता पर 191 करोड़ रुपये का चुनावी खर्च बताया है.

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31 मार्च 2024 तक भाजपा के पास 109.2 करोड़ रुपये नकद, बैंकों में 1627.2 करोड़ रुपये और 5377.3 करोड़ रुपये सावधि जमा थे, जबकि 31 मार्च 2023 तक उसके पास 42 करोड़ रुपये नकद, 311 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस और 5071.4 करोड़ रुपये सावधि जमा थे. 

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कांग्रेस ने 2023-24 में चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों पर 4.9 करोड़ रुपये खर्च करने किए, जो पिछले वर्ष खर्च किए गए 40.1 करोड़ रुपये से कम है.

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