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सोने-चांदी से बना जूनागढ़ का वो किला, जहां आज भी छिपा है खजाना, हमले तो कई हुए लेकिन अंदर घुसने में छूट जाते थे दुश्मनों के पसीने

Why Junagarh Fort Is Famous:  भारत का इतिहारस जितना बड़ा और पुराना है, उसके किस्से और रहस्य भी उतने अचंभे वाले हैं. राजस्थान जिसे किलो का राज्य कहा जाता है, वहां के महलों और फोर्ट की अपनी कहानियां है. इनमें से ही एक है बीकानेर का जूनागढ़ किला (Junagarh Fort).

Junagarh Fort

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 Junagarh Fort

 

Junagarh Fort: भारत का इतिहास जितना बड़ा और पुराना है, उसके किस्से और रहस्य भी उतने अचंभे वाले हैं. राजस्थान जिसे किलो का राज्य कहा जाता है, वहां के महलों और फोर्ट की अपनी कहानियां है. इनमें से ही एक है बीकानेर का जूनागढ़ किला (Junagarh Fort). इस किले में एक साथ 9 महल है और कहा जाता है कि आज भी उसमें सोने-चांदी का खजाना है. महल की ताकत इतनी की कई दुश्मनों ने इसपर हमला तो किया, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए. इस किले में छिपे खजाने को हासिल करने के लिए कई बार कोशिशें हुई, लेकिन कोई उसे हासिल नहीं कर पाया.

जूनागढ़ किले की कहानी

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  जूनागढ़ किले की कहानी

इस किले की नींव अकबर के शासन काल में विक्रम संवत् 1645 में महाराजा रायसिंह ने रखी थी. पूरे किले के चारों को गहरी खाई है. किले को बनाने में लाल पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. महाराजा ने राजधानी को सुरक्षित बनाने के लिए इस किले को बनवाया था. इस किले को बनाने में ऐसी तकनीक इस्तेमाल की गई है कि ये गर्मी में भी ठंडा रहता है. 

किले के अंदर खूफिया गेट

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 किले के अंदर खूफिया गेट

किले के अंदर भी खुफिया गेट और कई गुफाएं बनी है. जिसकी वजह से दुश्मन चाहकर भी कभी इस महल पर हमला नही कर पाएं. किले की ताकत का लोहा मानते हुए बीकानेर में जितने भी शासक बने, उन्होंने अपने महल इसी किले में बनवाए, इसलिए जूनागढ़ को महलों का पुंज भी कहा जाता है.  

जूनागढ़ किले में कौन-कौन का महल

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 जूनागढ़ किले में कौन-कौन का महल

जूनागढ़ में अनूप महल, सरदार महल, जोरावर महल, कर्ण महल, रायसिंह महल, गंगा निवास, रतन निवास, सुजान निवास और कोठी डूंगर निवास बने हुए हैं. शुरुआत में जूनागढ़ किले को चिंतामणि किला या बीकानेर का किला कहा जाता है. बाद में इसे बदलकर जूनागढ़ कर दिया गया.  जूनागढ़ शब्द का मतलब पुराना होता है. जूनागढ़ से पहले इस किले को चिंतामणि किला या बीकानेर का किला कहते थे.  

किले के अंदर खजाने का रहस्य

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  किले के अंदर खजाने का रहस्य

 जूनागढ़ किले के खजाना का रहस्य आज तक छिपा हुआ है. कुछ साल पहले इस किले की खाई से सोने के बिस्किट मिले थे. वहां के लोकल लोगों की माने तो महाराजा ने इस किले के अलग-अलग हिस्सों में खजाना छुपा कर रखा था, जो आज भी उस किले के अंदर दबा हुआ है. इस किले में छिपे खजाने का रहस्य कोई नहीं जान सकता है.  

महल के अंदर एक प्लेन भी

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 महल के अंदर एक प्लेन भी

 

इस किले के अंदर एक प्लेन भी है, जिसे ब्रिटिश सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध में इस्तेमाल किया था. आज भी वो प्लेन इस किले में खड़ा है. अंग्रेजों ने महाराजा गंगा सिंह को विमान तोहफे में दिया था.  अंग्रेजों ने महाराजा गंगा सिंह को प्लेन तोहफे में दिया था, कई दशक से ये प्लेन यही  है.  

आप भी देख सकते हैं ये महल

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 आप भी देख सकते हैं ये महल

 

जूनागढ़ का किला देखने के लिए आपको 50 रुपये की टिकट लेनी होगी. स्टूडेंट को 20 रुपये का डिस्काउंट मिल जाएगा. वहीं, विदेशी लोगों के लिए इस किले की टिकट 300 रुपये की है. इस किले को लोगों के लिए सुबह के 10 बजे से शाम के 4 बजे तक खोला जाता है. 

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