सामुद्रिक शास्त्र में चीटियों के रंग से लेकर उनकी निकलने की दिशा और उनकी चाल से व्यक्ति के भाग्य और भविष्य के बारे में जाना जा सकता है. ये व्यक्ति के भाग्य के बारे में भी संकेत देती हैं. लेकिन इन्हें समय से समझने की जरूरत है. चीटियों की चाल से लेकर इनके निकलने की दिशा तक को शगुन और अपशगुन के बारे में जाना जा सकता है.
चीटियां दो प्रकार की होती हैं लाल और काली. इन दोनों का ही व्यक्ति के भविष्य से अलग-अलग नाता जुड़ा हुआ है. दरअसल काली चीटी को शुभ और लाल चीटी को अशुभ मानते हैं. पर इसका मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को कोई भी चीटी नजर आए तो उसे वह मार दें. सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसा करने की कभी गलती ना करें वरना इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
यदि घर या कार्यस्थल पर काली चीटी दिखाई दें तो समझ जाएं कि पैसा आने वाला है. व्यक्ति को नई जॉब मिल सकती है या फिर वह नया व्यापार भी शुरू कर सकता है.
यदि घर में काली चीटियों की संख्या अधिक है तो समझ जाएं कि यह अशुभ है. दरअसल जिस जगह से यह चीटियां निकल रही है वहां का भाग कमजोर है, ऐसे में तुरंत ही उसे मरम्मत करवा लें.
यदि काली चीटियां घर के बेडरूम से निकल रही हैं तो गोल्ड खरीदने के चांसेस ज्यादा हैं. वहीं अगर चीटियां घर की छत पर निकल रही हैं तो समझ जाएं कि व्यक्ति जल्द ही प्रॉपर्टी लेने वाला है.
दिशा का रखें खास ध्यान
यदि चीटियां उत्तर दिशा से निकल रही हैं तो व्यक्ति को सुख मिलने वाला है. पश्चिम दिशा से निकलती हैं तो व्यक्ति जल्द ही ट्रेवल करने वाला है. दक्षिण दिशा से चीटी निकलती है तो आर्थिक लाभ मिल सकता है और यदि काली चीटियां पूर्व दिशा से निकल रही है तो यह सौभाग्य के लिए अच्छा माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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