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Who Is Mahant Swami Maharaj: अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम रूप ले रहा है. विश्वभर में इस मंदिर की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, मुस्लिम देश में हिंदू मंदिर का बनना लोगों को बहुत उत्साहित कर रहा है. बता दें कि अबू धाबी में बन रहे हिंदू मंदिर का उद्धाटन 14 फरवरी को होने जा रहा है. इसकी तैयारी इस समय जोरों-शोरों से चल रही है. वहीं, 42 देशों के राजदूतों ने इस मंदिर का दौर कर किया.
विश्वभर में मंदिर की कलाकारी की खूब चर्चा हो रही है. बता दें कि 14 फरवरी को होने जा रहे उद्धाटन समारोह में पीएम मोदी और बीएपीस (BAPS) स्वामीनारायण संस्था के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु स्वामी महंत महाराज भी शामिल होने जा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी मंहत महाराज मंदिर के उद्धाटन और चीजों का जायजा लेने अबू धाबी पहुंच चुके हैं. जानें कौन हैं महंत स्वामी महाराज, जिनके स्वागत के लिए अबू धाबी में इतना इंतजाम किया गया है.
कौन हैं महंत स्वामी महाराज
बता दें कि महंत स्वामी महाराज बीएपीस (BAPS) स्वामीनारायण संस्था के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु हैं. 20 जुलाई 2012 को वरिष्ठ साधुओं की उपस्थिति में मंहत स्वामी महाराज को बीएपीस (BAPS) स्वामीनारायण संस्था का प्रमुख ईव गुरु घोषित किया और 13 अगस्त 2016 को प्रमुख स्वामी महाराज के असमय प्रस्थान के बाद महंत स्वामीनारायण छठे गुरु बन गए.
बता दें कि मंहत स्वामी महाराज ने बहुत ही कम समय में 500 से भी ज्यादा स्वामीनारायण मंदिर, गुरुकुल और हॉस्पिटल का निर्माण किया है. उनके नेतृत्व में ही BAPS स्वामीनारायण संस्था वर्तमान में अमेरिका के रोबिंसविले में स्वामीनारायण अक्षरधाम और अबू धाबी में भगवन स्वामीनारायण का मंदिर का निर्मण हुआ है. इसलिए अबू धाबी में मंदिर के उद्धाटन के दौरान वे भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
जानें मंदिर की खासियत
मंदिर को लेकर बताया जा रहा है कि इसमें देश के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मिनारें शामिल की गई हैं. वहीं, इस मंदिर का निर्माण 27 एकड़ में हुआ है. बताया जा रहा है कि इस मंदिर को बनाने में उत्तरी राजस्थान से अबू धाबी तक गुलाबी पत्थर का इस्तेमाल हुआ है. इससे यूएई में पड़ने वाली भयंकर गर्मी से भी इस मंदिर को कुछ नहीं होगा.
#WATCH | His Holiness Mahant Swami Maharaj – a prominent global Hindu spiritual leader – arrived in Abu Dhabi on 5 February 2024 as a state guest to preside over the historic inauguration of BAPS Hindu temple. Upon arrival at the airport, His Holiness was warmly greeted by His… pic.twitter.com/WF7xauc87U
— ANI (@ANI) February 5, 2024
मंदिर के लिए संगमरमर इटली से लाया गया है. वहीं, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए मंदिर की नींव में कंक्रीट के मिश्रण के साथ फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया गया है. अबू धाबी में बना ये हिंदू मंदिर एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है. इसे बनाने के लिए 18 लाख ईटों का इस्तेमाल किया गया है. वहीं, इसे बनान में 3 साल का समय लगा गया है. बताया जा रहा है कि इसे बनाने में 2000 कारीगरों ने काम किया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)