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Belpatra Remedies: भगवान शिव की आराधना के लिए सावन का महीना बेहद खास पवित्र माना गया है. हिंदी कैलेंडर के मुताबिक साल का चौथा महीना सावन का होता है. इस माह में भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना विशेष फल प्रदान करती है. इस माह में शिवलिंग पर रोजाना जल अर्पित करने और भगवान शिव की प्रिय चीजें चढ़ाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
कहते हैं कि भगवान शिव एक मात्र ऐसे देवता हैं, जो एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं. उन्हें कृपालु और दयालु कहा जाता है. सच्ची भावना से लिया गया भगवान शिव का नाम भी भक्तों के कष्टों को दूर करता है. लेकिन सावन में कुछ नियमों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में एक दिन ऐसा आता है, जिस दिन बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है. इस दिन बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं.
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सावन के सोमवार का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सोमवार के दिन तोड़ना वर्जित है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं. इसलिए सावन के सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए.
इसलिए नाराज हो जाते हैं भोलेनाथ
शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दौरान उन्हें बेलपत्र अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. लेकिन सावन के सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है. इसके पीछे ये कारण है कि इस दिन सभी बेलपत्रों में मां पार्वती का वास होता है. और इस दिन बेलपत्र तोड़ने से मां पार्वती का अनादर होता है. इस अनादर के कारम भगवान शिव भी नाराज हो जाते हैं.
बेलपत्र के उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन के सोमवार के दिन बेलपत्र अर्पित करने के लिए उन्हें एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें. सावन सोमवार के लिए आप रविवार को ही बेलपत्र तोड़कर उस पर राम-नाम लिखकर रख सकते हैं, कहते हैं कि भगवान शिव के ऊपर बासी बेलपत्र भी अर्पित किए जा सकते हैं. बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)