Diya Lighting Mistakes: पूजा-पाठ के दौरान अक्सर लोग दीया जलाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में दीये से जुड़ी कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए. आइए जानते हैं कि दीया जलाने के बाद क्या नहीं करना चाहिए.
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Diya Lighting Mistakes: किसी भी पूजा-पाठ में अग्नि का विशेष महत्व होता है. इसलिए अग्नि को साक्षी मानकर किसी भी धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत की जाती है. शास्त्रों में अग्नि को पांच तत्वों में से एक माना गया है. यही वजह है कि घर में पूजा-पाठ के दौरान लोग दीपक जलाते हैं. लेकिन, कई बार जाने-अनजानें में इससे जुड़ी गलतियां हो जाती हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज कर देते हैं. भविष्य पुराण में दीपक से जुड़े खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ के दौरान दीपक जलाने के बाद कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए.
दीया बुझाना और चुराना बेहद अशुभ
भविष्य पुराण के अनुसार, घर में जलता हुआ दीपक कभी बीच में नहीं बुझना चाहिए. दरअसल, भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण द्वारा युधिष्ठिर को दीप दान के महत्व के बारे में बताया गया है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर को दीप-दान की विधि, दीया बुझाने, हटाने और चुराने को गलत बताते हैं.
दीया बुझाने और चुराने से क्या होता है
भगवान श्रीकृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं कि दीपक को कभी भी बुझाना नहीं चाहिए. इसके अलावा दीपक को उसके स्थान से हटाना नहीं चाहिए. भविष्य पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि दीपक को बुझाना बेहद निंदनीय काम है. भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो व्यक्ति दीप बुझाता है वह काना हो जाता है. जबकि, दीपक चुराने वाला अंधा हो जाता है.
मां लक्ष्मी हो सकती हैं नाराज
भविष्य पुराण के अलावा दूसरे वैदिक ग्रंथों में भी दीप बुझाने की मनाही है. ऐसा करना अच्छा नहीं माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपक बुझाने का अर्थ अग्नि को बुझाना होता है, जबकि अग्नि पवित्रता और शुद्धकरण का प्रतीक है. दीपक बुझाने से घर की खुशहाली पर नकारात्मक असर पड़ता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से धन-दौलत भी घट सकती है. इतना ही नहीं, मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)