Magh Purnima 2025 Upay: माघ मास की पूर्णिमा पितरों की कृपा पाने के लिए भी खास मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण, दान इत्यादि करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि माघ पूर्णिमा पर किन कार्यों को करने से पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
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Magh Purnima 2025 Pitra Dosh Upay: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. यह तिथि अत्यंत पावन मानी जाती है और इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य तथा पितरों की तृप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितृ दोष को सात पीढ़ियों तक प्रभावी रहने वाला दोष माना गया है, जो व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की बाधाएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए, माघ पूर्णिमा पर विशेष उपाय करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है.चलिए जानते हैं पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए माघ पूर्णिमा के दिन क्या चाहिए.
माघ पूर्णिमा क्यों है खास
माघ माह की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं, इसलिए गंगा स्नान अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस दिन किया गया दान-पुण्य, व्रत और स्नान व्यक्ति के कई जन्मों के पापों का नाश करता है. इसके अलावा यह दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है. पूर्वजों को तर्पण और दान करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष के कारण उत्पन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
माघ पूर्णिमा 2025 शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा 2025- 12 फरवरी 2025, बुधवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ-11 फरवरी 2025 को शाम 6:55 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त-12 फरवरी 2025 को शाम 7:22 बजे
इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों की तृप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. यदि गंगा स्नान संभव न हो, तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी लाभकारी माना जाता है.
गंगा स्नान और तर्पण करें
माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी, विशेष रूप से गंगा में स्नान करना अत्यंत फलदायी होता है.यदि गंगा स्नान संभव न हो, तो घर के स्नान जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें और जल में तिल मिलाकर अर्पित करें.
सूर्य को अर्घ्य
सुबह स्नान के बाद सूर्य को तांबे के पात्र में जल अर्पित करें. अर्घ्य देते समय “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करें. इससे पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.
दीप जलाएं और पाठ करें
अपने घर की दक्षिण दिशा में एक चौमुखी दीपक जलाएं. पितृ स्तोत्र, पितृ कवच या गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें. यह उपाय पितरों को प्रसन्न करता है और जीवन में शुभता लाता है.
पितरों के लिए भोजन अर्पित करें
माघ पूर्णिमा के दिन अपने पूर्वजों की प्रिय वस्तुएं और भोजन बनाकर अर्पित करें. भोजन का एक भाग गाय, कुत्ते और कौवे को अर्पित करें. इससे पितृ तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं.
चंद्रमा को अर्घ्य दें
रात्रि में चंद्रोदय के बाद जल में कच्चा दूध और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इससे मानसिक शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)