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Narak Chaturdashi Importance: हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार जितना महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण इनकी पूजा विधि और उपाय. दरअसल दिवाली एक दिन नहीं बल्कि तीन दिन का त्योहार है जो धनतेरस से शुरू हो कर बड़ी दिवाली के दिन तक मनाया जाता है. दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है.
इस साल 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाया जाएगा. इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. नरक चतुर्दशी के दिन व्यक्ति दीप जलाकर अकाल मृत्यु और यातनाओं से मुक्ति पाता है. इस दिन दीपक जलाने से व्यक्ति को नरक की जगह स्वर्ग की प्राप्ति होती है, आइए जानें कैसे!
नरक चतुर्दशी मनाने के पीछे पौराणिक महत्व
छोटी दिवाली के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने नकासुर नामक राक्षस का वध किया था. इसलिए छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सूर्योदय से पहले ही स्नान कर विधि विधान से यमराज की पूजा अर्चना की जाती है. जिसके बाद घर में दीपक जलाना चाहिए. इस उपाय को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. वहीं जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. साथ ही व्यक्ति को हर प्रकार के सौभाग्य की भी प्राप्ति होती है.
नरक चतुर्दशी पर कैसे जलाएं 14 दीपक
इस दिन महिलाओं को यम के नाम से मिट्टी के 14 दीपक जलाने चाहिए. इन दीयों को घर से बाहर आंगन में एक चौकी पर चावल और आटा बिछाकर रखें. जिसके बाद यम की आराधना करते हुए उनकी पूजा करें और फिर पूजा खत्म करने के बाद जब महिला वापस लौटे तो उन दियों का गलती से भी पलट कर ना देखें. ऐसा करने से व्यक्ति को सफलता प्राप्त होती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)