Trending Photos
Vijaya Ekadashi Vrat Katha: हिंदू शास्त्रों में एकादशी के व्रत को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. साल में 24 एकादशी व्रत आते हैं और सभी के अलग-अलग महत्व है. फाल्गुन माह की पहली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जता है. इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और पूजा पाठ आदि करने से जातकों को सभी पापों से मुक्ति मिलता है. हिंदू पंचांग के अनुसार विजया एकादशी का व्रत आज 6 मार्च 2024, बुधवार के दिन रखा जाएगा. इस दिन श्री हरि का पूजन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि विजया एकादशी के दिन व्रत रखने से शत्रुओं पर विजय पाई जा सकती है. शास्त्रों का कहना है कि इस दिन व्रत का पूरा फल तभी मिलता है, जब व्रत के दौरान कथा सुनी या पढ़ी जाती है.
विजया एकादशी के दिन करें ये व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार फाल्गुन एकादशी के महत्व के बारे में बताया गया है. द्वापर युग में युद्धिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से इस व्रत के महत्व को जानने की इच्छा प्रकट की थी. इस दौरान, श्री कृष्ण ने बताया कि सबसे पहले नारद जी ने ब्रह्मा जी से फाल्गुन एकादशी केी व्रत कथा और उसके महत्व के बारे में जाना था और उनके बाद इसके बारे में जानने वाले तुम ही हो.
पौरणिक कथा के अनुसार त्रेता युग में रावण द्वारा मां सीता का हरण करने पर भगवान श्री राम ने सुग्रीव की वानर सेना के साथ लंका की ओर प्रस्थान किया था. लेकिन लंका पहुंचने से पहले समुद्र द्वारा उनका रास्ता रोक लिया गया था. समुद्र में मौजूद समुद्री जीव वानर सेना को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में श्री राम मानव रूप में ही इस गुत्थी को सुलझाना चाहते थे.
सुमद्र पार करने के लिए श्री राम ने लक्ष्मण से उपाय जानना चाहा, तब उन्होंने वकदालभ्य मुनिवर निवास जाने की सलाह दी. वहां, जाकर भगवान श्री राम ने मुनि को प्रणाम किया और उनके सम्मुख अपनी समस्या रखी. तब उन्होंने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन व्रत रखने से आप समुद्र पार करने में कामयाब हो जाएंगे. साथ ही, इस आपको विजय की प्राप्ति होगी. मुनि वकदालभ्य द्वारा बताई गई विधि के अनुसार भगवान श्री राम ने पूरी वानर सेना सहित विजया एकादशी का व्रत रखा. रामसेतु बनाकर समुद्र पार किया और रावण को परास्त किया.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)