Chhatrapati Shivaji Maharaj and Mughal: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर एक्शन की मांग तेज हो गई है. बुलडोजर का साया मंडरा रहा है. ऐसी विचारधारा जोर पकड़ चुकी है जो भारत से मुगलों का नामोनिशान मिटा देना चाहती है. दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर कालिख पोत दी जाती है. तो मध्य प्रदेश में मुगलकालीन नाम बदल दिए जाते हैं.
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Mughals and India: बीते 15 सालों में देश में उस विचारधारा का तेजी से उभार हुआ है जो भारत से मानों मुगलों का नामोनिशान यानी मुगलों की हर निशानी मिटा देना चाहती है. दिल्ली में औरंगजेब के नाम पर कालिख लगा दी जाती है. मध्य प्रदेश में मुगलकालीन नाम बदल दिए जाते हैं. भारत में मुगलों पर चल रही डिबेट के बारे में आपको बताते हैं, विस्तार से.
मुगलों का नाम मिट जाएगा !
एक तरफ दक्षिण भारत में रमजान पर रियायत को लेकर सियासत गर्म है, दूसरी तरफ मुगलिया नामों को लेकर विरोध का नया दौर तेज हो गया है. दिल्ली में सरकार बदलते ही एक बार फिर सड़कों के नाम बदलने की मांग उठने लगी है. बाबर-अकबर रोड पर शनिवार को कुछ लोगों ने हंगामा किया.
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दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े इन हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने सड़क के नाम बदलने की मांग करते हुए मुगलों का नाम लिखे साइन बोर्ड पर कालिख पोतकर वहां छत्रपति शिवाजी के पोस्टर लगा दिए. ऐसा करते समय उन्होंने 'जय भवानी, जय शिवाजी' का जयकारा भी लगाया.
मुगल विरोधी बनाम मुगल हिमायती
इस घटना से एक बार फिर देश में मुगलों के हिमायती और मुगल विरोधियों के बीच घमासान तेज है और ये तनातनी सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं है. बल्कि सोशल मीडिया तक मुगलों के विरोधी और मुगलों की हिमायती आमने सामने है.
बॉक्स ऑफिस पर छत्रपति संभाजी महाराज की जिंदगी से जुड़ी फिल्म छावा की कामयाबी के बाद देश से मुगलिया निशानियों को इतिहास बनाने की मांग तेजी से उठी है और ये पूरी लड़ाई सोशल ट्रेंड बन चुकी है.
सोशल मीडिया पर आपको सैकड़ों ऐसे लोग मिलेंगे. जो इतिहास की किताबों से औरंगजेब की दमनकारी नीतियों. औरंगजेब के युद्धक उन्माद को दोबारा उजागर करते मिलेंगे. वहीं ऐसी भी जमात मौजूद है जो औरंगजेब को एक महान बादशाह की तरह पेश करने की कोशिश कर रही है.
ये बहस सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक छाई है जिसका एक ही केंद्रबिंदु है - मुगलों के प्रतीक, बदले जाएं या नहीं
बीजेपी के नेता और ओवैसी के पड़ोसी फायर ब्रांड हिंदूवादी विधायक टी राजा सिंह कह चुके हैं कि हिंदुओं को सताने वाले मुगल आक्रांता औरगंजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाकर उसे सपाट कर देना चाहिए. मुगल शासकों का नाम हो या मुगलिया प्रतीकों को बदलने का ये ट्रेंड पूरे देश भर में एक साथ देखने को मिल रहा है.
- मध्य प्रदेश में मोहन सरकार मुगल काल के उर्दू और अरबी नाम वाले गांवों की पहचान बदल रही है.
-दिल्ली में मुगल शासकों के नाम पर मौजूद सड़कों पर के नाम पर घमासान शुरू हो गया है.
- महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर बुलडोजर चलाने की मांग उठ रही है.
दिल्ली में एनडीएमसी कर्मचारियों ने बोर्ड पर लगी कालिख साफ कर दी. वहीं कई युवकों ने जो पोस्टर चिपकाए थे उन्हें भी हटा दिया गया. लेकिन ये सवाल जस का तस कायम है क्या सड़कों और गांव के नाम बदलने से भारतीय इतिहास में मुगलों का जिक्र बदला जा सकता है?