अनोखा! बिना नर के जन्मा बेबी शार्क, वैज्ञानिकों के लिए भी बना रहस्य
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अनोखा! बिना नर के जन्मा बेबी शार्क, वैज्ञानिकों के लिए भी बना रहस्य

Sharks Fertilization: लुइसियाना के एक्वेरियम बिना नर के एक शार्क बेबी ने जन्म लिया है. इस घटना ने वैज्ञानिकों और प्रकृति प्रेमियों को चौंका दिया है.  इतना ही नहीं एक्वेरियम में मौजूद मादा शार्क पिछले तीन सालों से किसी भी नर के संपर्क में नहीं आई थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर बेबी शार्क का जन्म कैसे हुआ? आइए जानते हैं.

अनोखा! बिना नर के जन्मा बेबी शार्क, वैज्ञानिकों के लिए भी बना रहस्य

Sharks Fertilization: लुइसियाना के एक्वेरियम से एक दुर्लभ घटना सामने आई, जिसने वैज्ञानिकों और प्रकृति प्रेमियों को चौंका दिया. यहां एक बेबी स्वेल शार्क (baby swell shark) का जन्म हुआ, जबकि टैंक में केवल दो मादा शार्क थीं और कोई नर मौजूद नहीं था. इस घटना ने तब और हैरान कर दिया जब पता चला कि ये मादा शार्क पिछले तीन सालों से किसी भी नर के संपर्क में नहीं आई थीं. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर बेबी शार्क का जन्म कैसे हुआ? वैज्ञानिकों ने इसके दो संभावित कारण बताए हैं.

पार्थेनोजेनेसिस (Parthenogenesis)
यह एक प्रकार की अलैंगिक (asexual) प्रजनन प्रक्रिया होती है, जिसमें मादा शार्क बिना नर के कॉन्टैक्ट में आए ही अंडे से शिशु को जन्म दे सकती है. इसमें अंडा बिना निषेचन (fertilization) के ही भ्रूण में बदल जाता है और विकसित होकर एक नया जीव बनता है.

Delayed Fertilization
दूसरा कारण है देरी से फर्टिलाइजेशन. इस प्रक्रिया में मादा शार्क लंबे वक्त तक नर के शुक्राणु (sperm) को अपने शरीर में संग्रहीत कर सकती है और जब स्थितियां अनुकूल होती हैं, तब निषेचन (fertilization) होकर बेबी शार्क जन्म लेता है. साथ ही कुछ शार्क प्रजातियों में यह भी प्रक्रिया देखी गई है, जहां मादा ने 45 महीने तक शुक्राणु को स्टोर्ड कर रखा है.

पार्थेनोजेनेसिस एक अनोखी बायोलोजिकल प्रोसेस
शार्क के रिप्रोडक्टिव सिस्टम पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक केविन फेल्डहाइम के मुताबिक, पार्थेनोजेनेसिस कई शार्क प्रजातियों- जैसे ज़ेब्रा शार्क और व्हाइटस्पॉटेड बैम्बू शार्क में देखी गई है. 

आमतौर पर यह तब होता है जब कोई मादा लंबे वक्त तक अकेली रहती है और उसके आसपास कोई नर नहीं होता. हालांकि, कुछ मामलों में मादा शार्क ने इस प्रक्रिया से तब भी जन्म दिया है, जब उनके टैंक में नर मौजूद थे. हालांकि, साइंटिस्ट अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि किस परिस्थिति में पार्थेनोजेनेसिस शुरू होती है या कौन से संकेत (signals) मादा को यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रेरित करते हैं.

बेबी शार्क 'योको' की डीएनए जांच होगी
एक्वेरियम क्यूरेटर ने कहा कि बेबी शार्क 'योको' (Yoko) को कुछ दिनों बाद डीएनए परीक्षण (genetic testing) किए जाएंगे. इससे यह पुष्टि हो जाएगी कि योको का जन्म पार्थेनोजेनेसिस से हुआ या Delayed Fertilization का नतीजा है.

शार्क की प्रजनन क्षमता 
यह घटना शार्क की अद्भुत अनुकूलन क्षमता (adaptability) को दर्शाती है. एक्वेरियम के क्यूरेटर ग्रेग बैरिक ने कहा,'यह घटना दर्शाती है कि यह प्रजाति कितनी लचीली है. हमें बेहद खुशी है कि आने वाले महीनों में हम यह पता कर सकेंगे कि योको का जन्म किस प्रक्रिया से हुआ. इससे यह भी साबित होता है कि प्रकृति हमेशा अपने तरीके से जीवन को बनाए रखने का रास्ता ढूंढ ही लेती है.'

वैज्ञानिकों के लिए एक नई पहेली
वहीं, इस घटना ने वैज्ञानिकों के लिए एक नई जैविक पहेली खड़ी कर दी है. वे अभी तक यह पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि अलग-अलग शार्क प्रजातियां कितने वक्त तक शुक्राणु को संग्रहीत कर सकती हैं. यह खोज न सिर्फ समुद्री जीव विज्ञान (marine biology) के क्षेत्र में नई जानकारी होगी, बल्कि रिप्रोडक्टिव सिस्टम और विकास के रहस्यों को भी उजागर करेगी.

अद्भुत जैविक घटना 
बेबी शार्क योको का जन्म एक अद्भुत जैविक घटना है, जो यह साबित करता है कि जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रकृति हमेशा नया रास्ता खोज लेती है. चाहे यह पार्थेनोजेनेसिस हो या Delayed Fertilization, इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि शार्क प्रजाति अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अनोखे तरीके अपनाती हैं. अब वैज्ञानिक आगे की खोज में जुट गए हैं कि आखिर योको का जन्म किस प्रकार हुआ है.

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