सांता क्लॉज का असली चेहरा किसी ने नहीं देखा था, मौत के 1700 साल बाद वैज्ञानिकों ने दिया क्रिसमस गिफ्ट!
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सांता क्लॉज का असली चेहरा किसी ने नहीं देखा था, मौत के 1700 साल बाद वैज्ञानिकों ने दिया क्रिसमस गिफ्ट!

Santa Claus Real Face: वैज्ञानिकों ने मायरा के संत निकोलस की मौत के 1,700 साल बाद उनका चेहरा रीकंस्ट्रक्ट किया है. संत निकोलस के बारे में माना जाता है कि आधुनिक सांता क्लॉज उन्हीं पर आधारित है.

सांता क्लॉज का असली चेहरा किसी ने नहीं देखा था, मौत के 1700 साल बाद वैज्ञानिकों ने दिया क्रिसमस गिफ्ट!

Santa Claus Face Reveal: क्रिसमस अब ज्यादा दूर नहीं. ईसाइयों के सबसे बड़े त्योहार में बच्चों को सबसे ज्यादा इंतजार जिनका रहता है, वो हैं सांता क्लॉज. रात को चुपके से सांता आता है और बच्चों के सिरहाने गिफ्ट्स रख जाता है. लेकिन सांता क्लॉज का असली चेहरा आज तक किसी ने नहीं देखा था. मायरा के जिन संत निकोलस को सांता क्लॉज की प्रेरणा माना जात है, वैज्ञानिकों ने उनके निधन के 1,700 साल बाद उनका चेहरा बनाया है. संत निकोलस की खोपड़ी को एनालाइज करने के बाद, एडवांस फोरेंसिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने सांता का चेहरा तैयार किया.

संत निकोलस एक ईसाई बिशप थे जो ईसाई धर्म की शुरुआती शताब्दियों में रहते थे. वह अपनी उदारता और लोगों को तोहफे बांटने के लिए जाने जाते थे. उनकी दयालुता ने डच सिंटरक्लास की छवि ली, जो बाद में अंग्रेजी फादर क्रिसमस के साथ मिलकर सांता क्लॉज के रूप में दुनियाभर में फैल गई. सांता क्लॉज की लोकप्रियता सिर्फ ईसाई घरों तक सीमित नहीं, इसके बावजूद संत निकोलस का असली रूप अभी तक सामने नहीं आया था.

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कुछ ऐसे दिखते थे संत निकोलस यानी 'सांता क्लॉज' (Photo: Cicero Moraes)

खोपड़ी का 3D मॉडल बनाया, फिर तैयार किया चेहरा

सांता क्लॉज का चेहरा रीकंस्ट्रक्ट करने वाले प्रोजेक्ट के लीड रिसर्चर, सिसरो मोरेस ने बताया कि 1950 में लुइगी मार्टिनो द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर खोपड़ी का 3D मॉडल बनाया गया. टीम ने कई पहलुओं को फैक्टर-इन करते हुए सांता का चेहरा बनाया. मोरेस ने कहा कि सांता की इमेज एक 'मजबूत और सौम्य चेहरे' को दिखाती है, जो 1823 की प्रसिद्ध कविता 'ए विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस' में दिए गए ब्योरे से काफी मेल खाती है.

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स्टडी की को-ऑथर जोस लुइस लीरा ने संत निकोलस की विरासत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि संत निकोलस, रोमन सम्राट सहित शक्तिशाली अधिकारियों के खिलाफ भी अपने विश्वासों के लिए खड़े हुए. उनकी शिक्षाएं न केवल ईसाइयों के बीच बल्कि विभिन्न संस्कृतियों में, क्रिसमस के दौरान दयालुता के प्रतीक के रूप में गूंजती है.

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