Cannibals: दुनिया के नक्शे में कहां रहते थे नरभक्षी? धरती पर निकालकर खा जाते थे दुश्मनों का भेजा
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Cannibals: दुनिया के नक्शे में कहां रहते थे नरभक्षी? धरती पर निकालकर खा जाते थे दुश्मनों का भेजा

Shocking News: मानव प्रजाति को 3 मुख्य प्रजातीय विभागों में बांटा जा सकता है, काकेसियाई, मंगोलियाई और हब्शी. जाति-धर्म, रूप-रंग की जानकारी से इतर यानी इस वर्गीकरण के बीच अब जिस प्रजाति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.

सांकेतिक तस्वीर फोटो क्रेडिट : सोशल मीडिया

Where did cannibals lives on earth: कहा जाता है कि आज भी दुनिया में कुछ ऐसे लोग या कथित जनजात‍ियां हैं जो नरभक्षी जीवन (head hunting tribes) जीने के ल‍िए जानी जाती है. उनकी परंपराएं अजीबोगरीब हैं. वे दावत में इंसानों का मांस खिलाते हैं. खोपड़ि‍यों में खाना पकाते हैं. आवश्यकता अविष्कार की जननी है. हजारों सालों में मानव सभ्यता का क्रमिक विकास हुआ तो आज आपको चारों ओर एक खूबसूरत दुनिया देखने को मिलती है.  लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी धरती पर मनुष्यों की एक प्रजाति ऐसी थी जो अपने मृत दुश्मनों का भेजा निकालकर खा जाती थी.

कम लोगों को मालूम होगा जवाब 

साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक प्राचीन यूरोप में रहने वाले मानव मृत दुश्मनों का मस्तिष्क निकालकर खा सकते थे. एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि करीब 11,000 से 17,000 साल पहले मैग्डालेनियन संस्कृति के कम से कम 10 लोगों की हड्डियों का अध्ययन किया. हड्डियों और खोपड़ी पर ऐसे निशान और कटाव की पहचान की, जो लंबी हड्डियों के गूदे और खोपड़ी के मस्तिष्क को निकालने से जुड़े थे.

कहां रहते थे भेजा खाने वाले लोग

मानव प्रजाति को 3 मुख्य प्रजातीय विभागों में बांटा जा सकता है, काकेसियाई, मंगोलियाई और हब्शी. जाति-धर्म, रूप-रंग की जानकारी से इतर यानी इस वर्गीकरण के बीच अब जिस प्रजाति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक ये प्रजाति यूरोप में रहती थी. जो अपने दुश्मन जो लड़ाई में मर जाते थे उनका भेजा निकालकर खा जाते थे.

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