'बहानेबाजों' पर चलेगा BCCI का हंटर! IPL में आया ये नियम तो लगेगा 2 साल का बैन; मिला ग्रीन सिग्नल
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'बहानेबाजों' पर चलेगा BCCI का हंटर! IPL में आया ये नियम तो लगेगा 2 साल का बैन; मिला ग्रीन सिग्नल

आईपीएल 2025 की शुरुआत से पहले एक बड़ा नियम इस लीग में एंट्री ले सकता है. आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने ऐसे विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का बैन लगाने की मांग की है, जो ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के सीजन के लिए खुद को अनुपलब्ध बता देते हैं.

'बहानेबाजों' पर चलेगा BCCI का हंटर! IPL में आया ये नियम तो लगेगा 2 साल का बैन; मिला ग्रीन सिग्नल

Indian Premier League : आईपीएल 2025 की शुरुआत से पहले एक बड़ा नियम इस लीग में एंट्री ले सकता है. आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने ऐसे विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का बैन लगाने की मांग की है, जो ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के सीजन के लिए खुद को अनुपलब्ध बता देते हैं. उन्होंने आईपीएल के सामने विदेशी खिलाड़ियों को मेगा ऑक्शन के लिए रजिस्टर कराने को अनिवार्य करने की मांग की है, ताकि यह खिलाड़ी अपनी सुविधा के हिसाब से बड़ी रकम की उम्मीद में मिनी ऑक्शन में हिस्सा नहीं ले पाएं.

सभी फ्रेंचाइजियों ने जताई सहमति

ईएसपीएन क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को हुई बैठक में सभी 10 फ्रेंचाइजियों ने दोनों बिंदुओं पर अपनी सहमति जताई की है. सीजन शुरू होने से ठीक पहले विदेशी खिलाड़ियों का निजी कारणों का हवाला देते हुए खुद को अनुपलब्ध करने से आईपीएल फ्रेंचाइजी खुश नहीं हैं. फ्रेंचाइजियों ने कहा कि इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ता है, क्योंकि टीम की रणनीति उन विदेशी खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती है.

सही कारण है तो कोई दिक्कत नहीं

आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को बोर्ड द्वारा इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के लिए कहा जाता है, या उन्हें चोट लग जाती है या फिर परिवार में किसी काम से वह दल से अगर नहीं जुड़ पाते हैं, तो वो ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों को अनुमति दे सकती हैं. लेकिन खिलाड़ियों की अनुपलब्धता का उन्हें ऑक्शन के समय पता चल जाए तो बेहतर होगा. फ्रेंचाइजियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि कई बार बेस प्राइस पर खरीदे जाने वाले खिलाड़ी नीलामी के बाद अपना नाम वापस ले लेते हैं. उन्होंने एक खिलाड़ी का उदाहरण भी दिया, जिसमें खिलाड़ी के मैनेजर ने यह शर्त रखी थी कि ज्यादा पैसे देने की स्थिति में वह खिलाड़ी उस फ्रेंचाइजी के लिए खेलने को तैयार हो सकता है. 

कई बार हुआ है ऐसा

फ्रेंचाइजियों ने आईपीएल से यह भी कहा कि नीलामी के पिछले दो चक्र (2018-24) के दौरान कई ऐसा हुआ है, जब विदेशी खिलाड़ी मिनी ऑक्शन में मोटी रकम हासिल करने के लिए मेगा ऑक्शन में उपलब्ध नहीं रहे. 2022 के ही मेगा ऑक्शन में सबसे ज्यादा बोली ईशान किशन के लिए लगी थी. मुंबई इंडियंस ने उन्हें 15.25 करोड़ में खरीदा था. जबकि 2024 के लिए हुए मिनी ऑक्शन में मिचेल स्टार्क को 24.75 करोड़ और पैट कमिंस को 20.50 करोड़ में खरीदा गया था.

फायदा उठाने की कोशिश करते हैं खिलाड़ी 

फ्रेंचाइजियों को लगता है कि इनमें से कुछ खिलाड़ी और उनके मैनेजर इस सिस्टम का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं. ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए कुछ प्रावधान करने जरूरी हैं. फ्रेंचाइजियों ने कहा कि अगर कोई नया खिलाड़ी मिनी ऑक्शन के लिए खुद को रजिस्टर करता है तो वो समझ सकती हैं, लेकिन बड़े खिलाड़ियों को मेगा ऑक्शन के लिए उपलब्ध रहना ही चाहिए. अगर वे अनसोल्ड रह जाते हैं, तब ऐसी स्थिति में वह अगले ऑक्शन के लिए खुद को रजिस्टर कर सकते हैं.

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