'ये नियम तो पहले से थे, बदले किसने?', BCCI की नई पॉलिसी पर बोले हरभजन सिंह, की ये बड़ी मांग
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'ये नियम तो पहले से थे, बदले किसने?', BCCI की नई पॉलिसी पर बोले हरभजन सिंह, की ये बड़ी मांग

भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए बोर्ड की हाल ही में जारी 10 पॉइंट्स पॉलिसी वास्तव में उनके खेलने के दिनों से ही लागू है. भज्जी जानना चाहते थे कि इसमें कब और किसने बदलाव किया.

'ये नियम तो पहले से थे, बदले किसने?', BCCI की नई पॉलिसी पर बोले हरभजन सिंह, की ये बड़ी मांग

Harbhajan Singh: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार के कुछ दिनों बाद बीसीसीआई ने टीम में 'अनुशासन और एकजुटता' को बढ़ावा देने के लिए 10 पॉइंट्स की नई पॉलिसी जारी की, जिसमें घरेलू क्रिकेट को अनिवार्य बनाने के अलावा दौरों पर परिवारों और निजी कर्मचारियों की उपस्थिति पर पांबदी लगाई गई है. इसमें सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन करने से रोक भी शामिल है. भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इस पर कहा कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) से अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए बोर्ड की हाल ही में जारी 10 पॉइंट्स पॉलिसी वास्तव में उनके खेलने के दिनों से ही लागू है. हरभजन ने कहा कि ये दिशानिर्देश हाल में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को मिली शर्मनाक हार से ध्यान भटकाने का कदम हो सकते हैं.  

क्या बोले हरभजन?

हरभजन का मानना है कि ये सभी उपाय नयी बोतल में पुरानी शराब की तरह है. हरभजन ने 'पीटीआई' बातचीत में कहा, 'मैं मीडिया में रिपोर्ट की गयी ट्रैवल पॉलिसी के बारे में पढ़ रहा था तो मुझे अपने खेल के दिनों से कुछ भी अलग नहीं मिला. आखिरी बार जब मैंने केंद्रीय अनुबंधित क्रिकेटर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था तब भी इसी तरह के नियम थे.' 

की ये बड़ी मांग

इंटरनेशनल क्रिकेट में 700 से अधिक विकेट लेने वाले हरभजन ने कहा, 'नयी 10 पॉइंट्स पॉलिसी में कम से कम 9 चीजें तो हमारे समय थी ही. इसमें दौरे के समय परिवार की मौजूदगी, एक ही होटल में ठहरना, अभ्यास का समय, यह सब शामिल है. मेरा सवाल यह है कि जब यह सारे नियम हमारे समय में भी थे तो इसे किसने और कब बदला? इसकी जांच होनी चाहिये.'हरभजन के भारतीय टीम के पूर्व साथी इरफान पठान ने भी इसी तरह के विचार साझा किये हैं. 

'मुद्दे से भटक रहे हैं'

हरभजन ने कहा कि इन समय इन चीजों की जगह चर्चा केवल क्रिकेट पर ही होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा, 'हम लोग मुद्दे से भटक रहे हैं. हम (ऑस्ट्रेलिया में) 1-3 से इसलिए नहीं हारे क्योंकि पत्नियां और दोस्त दो महीने से वहां थे. हम इसलिए नहीं हारे क्योंकि कोई खिलाड़ी टीम से अलग यात्रा कर रहा था.'

उन्होंने कहा, 'हम हारे क्योंकि हमने खराब क्रिकेट खेला. हम घरेलू मैदान पर भी अच्छी बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे. हमारी टीम में ऐसे खिलाड़ी शामिल थे, जो बेहद ही खराब फॉर्म में थे. इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ सुधार किये जा रहे हैं? या फिर मैदान के बाहर की इन्हीं बातों पर चर्चा हो रही है.' 

इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत

भारत के बेहतरीन स्पिनरों में से एक हरभजन ने इसके बाद अपने खेल के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि कुछ बिंदुओं पर फिर से गौर करने की जरूरत है, क्योंकि उनका उल्लंघन किया जा रहा था. मैंने कभी भी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ या अनिल कुंबले को सिर्फ इसलिए मुंबई, कोलकाता या बेंगलुरु के लिए रवाना होते नहीं देखा क्योंकि कोई मैच तीन दिन में खत्म हो गया है और अगला मुकाबला एक सप्ताह बाद है.'

इस दिग्गज स्पिनर ने आगे कहा, 'वे सभी टीम के साथ रहते थे और एक साथ अगले मैच स्थल जाते थे. आपको खिलाड़ियों को यह बताने की जरूरत क्यों है कि आपको टीम बस से यात्रा करनी होगी? यह एक नियम है. अगर कोई नियम तोड़ रहा है, तो उस व्यक्ति की जांच की जानी चाहिए.'

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