Transgender Rights: बिना सेक्‍स चेंज किए ट्रांसजेंडर शख्‍स बदल सकेगा अपना ऑफिशियल स्‍टेटस, जापान ने लिया फैसला
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Transgender Rights: बिना सेक्‍स चेंज किए ट्रांसजेंडर शख्‍स बदल सकेगा अपना ऑफिशियल स्‍टेटस, जापान ने लिया फैसला

Japan News: अदालत ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कुछ महीने बाद दिया, जिसमें कहा गया था कि आधिकारिक रिकॉर्ड में किसी व्यक्ति का लिंग बदलने के लिए नसबंदी को अनिवार्य बनाना असंवैधानिक है.

Transgender Rights: बिना सेक्‍स चेंज किए ट्रांसजेंडर शख्‍स बदल सकेगा अपना ऑफिशियल स्‍टेटस, जापान ने लिया फैसला

Transgender rights: ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों को लेकर जापान में एक बड़ा फैसला आया है. दरअसल जापान की एक अदालत ने एक ट्रांसजेंडर शख्स द्वारा नसबंदी सर्जरी कराए बिना उसके ऑफिशियल रिकॉर्ड में अपना स्टेटस बदलने के अनुरोध को मंजूरी दे दी है. जापानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह के रिकॉर्ड परिवर्तन करने के लिए सर्जरी कराने की अनिवार्य शर्त हटाने के बाद से यह किसी अदालत द्वारा दिया गया पहला ऐतिहासिक फैसला है.

दुनियाभर में फैसले की चर्चा

ओकायामा की फैमिली कोर्ट ने 7 फरवरी को सुनाए फैसले में कहा, '50 साल के ताकाक्विटो उसुई अब अपनी पारिवारिक रजिस्ट्री में अपना जेंडर बदलकर पुरुष कर सकते हैं'. पुनरीक्षण के लिए उसुई के मूल आवेदन को कोर्ट ने पांच साल पहले खारिज कर दिया था. फैसला आने के बाद उसुई ने कहा, 'ऐसा लगता है जैसे मैंने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रहा हूं. मैं बहुत उत्साहित हूं.ॉ

SC ने खत्म की थी नसबंदी की अनिवार्यता

आपको बताते चलें कि जापान के सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि 20 साल पुराने कानून का वह प्रावधान, जिसके तहत सरकारी कागजों पर जेंडर जेंच कराने के लिए प्रजनन अंगों को हटाने के लिए जो सर्जरी कराना जरूरी होता था वो असंवैधानिक है. हालांकि यह फैसला भी केवल नसबंदी प्रावधान पर लागू था और अन्य प्रोसीजर्स की संवैधानिकता के बारे में बात नहीं करता था. सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल ही चुकी थी तो ओकायामा की कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि उसुई को सर्जरी कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसे दी गई हार्मोन थेरेपी उसके जेंडर चेंड की पुष्टि के लिए एक अहम सबूत था.

किस डर से पहचान छिपा रहे लोग?

उसुई का मानना ​​​​है कि न्यायपालिका में इस विषय पर जागरूकता बढ़ी है. उन्होंने बताया कि जापान में, बहुत सारे LGBTQ+ लोग अपनी जॉब और स्कूलों में भेदभाव के डर से अपनी जेंडर की पहचान और यौन रुझान दोनों छिपा रहे हैं. यहां समलैंगिक शादियां मान्य नहीं है. इसलिए ट्रांसजेंडर्स अपने लिए और अधिक अधिकारों और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. इस बदलाव से पहले जेंडर चेंज कराने वाले लोगों को अपने प्रजनन अंगों की सर्जरी कराकर उन्हें हटाने की अनिवार्यता थी.

 

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