Maratha History: यह लड़ाई सात दिन तक लड़ी गई थी. अंग्रेजों के खिलाफ मराठा सैनिकों ने पारंपरिक हथियारों से मुकाबला किया था. बीते 220 वर्षों से ब्रिटिश नागरिक हर साल नवंबर में यहां आते हैं.
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Maratha-British War: ब्रिटेन सेना के पूर्व अधिकारी ने कहा कि लॉर्ड आर्थर वेलस्ली के नेतृत्व वाली सेनाओं ने मराठाओं की रणनीति अपनाकर वर्ष 1815 में वाटरलू की निर्णायक लड़ाई में फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट को हराया था. इस रणनीति को वेलस्ली ने महाराष्ट्र में हुई लड़ाई में देखा था.
पीटीआई-भाषा के मुताबिक ब्रिटेन सेना से रिटायर्ड अधिकारी मेजर गॉर्डन कोरिगन (81) ने अपने देश के नागरिकों के एक ग्रुप के साथ गुरुवार को महाराष्ट्र में अकोला जिले के सिरसोली गांव का दौरा किया. यहां वर्ष 1803 में मराठाओं और ब्रिटेन की सेना के बीच लड़ाई हुई थी.
ग्रुप ने लड़ाई से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने और इस दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले ब्रिटिश सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्धस्थल का दौरा किया.
सात दिनों तक चली थी लड़ाई
सिरसोली में हुई लड़ाई को अरगांव के युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. कैप्टन केन के नेतृत्व और लॉर्ड वेलस्ली की उपस्थिति में ब्रिटेन की सेना ने मराठाओं के खिलाफ सात दिनों तक 23 से 29 नवंबर, 1803 में लड़ाई लड़ी थी. अंग्रेजों के खिलाफ मराठा सैनिकों ने पारंपरिक हथियारों से मुकाबला किया था.
मराठा सेना का नेतृत्व नागपुरकर भोसले ने किया था. वहीं, मराठाओं की ओर से कार्तजीराव जेले ने कैप्टन केन को मार दिया था लेकिन उनके प्राण भी चले गए थे. हालांकि इस लड़ाई में ब्रिटेन की सेना ने मराठाओं को हरा दिया था.
लड़ाई के वापस इंग्लैंड चले गए लॉर्ड वेलस्ली
मेजर कोरिगन ने यात्रा के दौरान कहा,'इस लड़ाई के बाद लॉर्ड वेलस्ली को वापस इंग्लैंड भेज दिया गया था. वेलस्ली ने वाटरलू की लड़ाई में सिरसोली की लड़ाई में मराठों द्वारा इस्तेमाल की गई रणनीति का इस्तेमाल कर नेपोलियन को हराया.'
हर साल सिरसोली आते हैं ब्रिटिश नागरिक
रिटायर्ड मेजर के अनुसार, सिरसोली की लड़ाई और मराठाओं द्वारा अपनाई गई रणनीति का उल्लेख लॉर्ड वेलस्ली द्वारा लिखी गई पुस्तकों में किया गया है. वहीं, बीते 220 वर्षों से ब्रिटिश नागरिक हर नवंबर में सिरसोली आते रहे हैं.
(इनपुट - भाषा)