बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस आज शपथ लेंगे. दूसरी ओर मंदिरों में भगवानों की मूर्तियां तोड़ी जा रही है. पुजारियों को ढूंढ ढूंढ कर खत्म किया जा रहा है. हिंदू धर्म की महिलाओं और लड़कियों के साथ 72 घंटे से दरिंदगी की खबरें आ रही है. हिंदू बस्तियों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. उधर हिंदुस्तान और बांग्लादेश सीमा पर लोगों का जमावड़ा लगा है.
- बांग्लादेश में सुबह 6 बजे कर्फ्यू हट गया. इसके साथ ही सारे दफ्तर, स्कूल और अदालतें आज से खुल जाएंगी. अब सवाल उठ रहा है कि बांग्लादेश की गाड़ी तो पटरी पर आ जाएगी. लेकिन जिन हिंदू परिवारों के लोगों की हत्या हुई है और जिनके परिवार की महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटनाएं हुई हैं उनकी जिंदगी कैसे पटरी पर आएगी, उन्हें कौन इंसाफ दिलाएगा?
- बांग्लादेश में कत्ले आम का दौर जारी है. बांग्लादेश सीमा पर लोगों का जमावड़ा लगा है. कई सीमाओं पर ऐसे हालात है. इसलिए भारतीय सेना और सुरक्षाबल मुस्तैद हैं.
- अबतक करीब 300 अपराधी और उग्रवादी बांग्लादेश की जेलों से बाहर हैं. ऐसे में बांग्लादेश की कानून-व्यस्था की गुरुवार को भी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
- मोहम्मद यूनुस आज रात 8 बजे (बांग्लादेश समयानुसार) शपथ लेंगे.
वह आज दोपहर करीब 2:10 बजे (बांग्लादेश समय) ढाका पहुंचेंगे.
- सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ढाका एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करेंगे.
- कई मंदिर टूटने के बाद हिंदू अब एकजुट होकर मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं. बांग्लादेश में बुधवार को भी हिंदू मंदिरो पर हमला हुआ. हिंदू बस्तियों में आगजनी हुई. हिंदू महिलाओं के साथ दरिंदगी हुई. आस्था से खिलवाड़ हुआ.
- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ढाका की यात्रा के लिए बुधवार (7 अगस्त) को चार्ल्स डी गॉल हवाई अड्डे से उड़ान में सवार हुए. यूनुस, जो एक चिकित्सा प्रक्रिया के लिए पेरिस में थे. इससे पहले मोहम्मद युनुस ने Video संदेश जारी कर बांग्लादेश में शांति की अपील की.
- बांग्लादेश के श्रम कानून के उल्लंघन के मामले में अपील न्यायाधिकरण ने मोहम्मद युनुस समेत चार लोगों को बरी कर दिया. इसमें कहा गया कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद युनुस के अंतरिम सरकार की शपथ लेने में कोई कानूनी बाधा नहीं है.
- बांग्लादेश में भारतीय वीज़ा केंद्र अनिश्चितकाल के लिए बंद है. भारत-बांग्लादेश सीमा (India Bangladesh Border) पर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. सेना, BSF, पैरामिलिट्री फोर्स और स्थानीय पुलिस के साथ एलआईयू की टीमें लगातार एक्टिव हैं.
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