China-America Conflict: वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया कि माइक्रोसॉफ्ट ने एआई सेक्शन और क्लाउड कंप्यूटिंग में काम कर रहे अपने 700-800 कर्मचारियों को किसी अन्य देश में चले जाने पर सोचने को कहा है.
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US-China Relations: चीन और अमेरिका के बीच कोल्ड वॉर के बारे में भला किसे नहीं मालूम. दोनों हमेशा एक-दूसरे को झटका देने पर तुले रहते हैं. अब इस बीच चीन की इकोनॉमी के लिए बैड न्यूज आई है. अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने सैकड़ों कर्मचारियों को चीन छोड़कर किसी दूसरे देश में शिफ्ट होने को लेकर सोचने को कहा है. अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर का ये ताजा मामला है.
दोनों देशों के बीच चरम पर तनाव
माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स दुनिया के 10 सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं. दरअसल जो बाइडेन प्रशासन ने अलग-अलग सेक्टर्स में चीन से इंपोर्टेड सामानों पर शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच स्थिति और भी गंभीर हो गई है. इस बीच माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने कर्मचारियों से चीन छोड़ने को कह दिया है तो तनाव चरम पर पहुंचना लाजमी है.
इन देशों में जाने का दिया विकल्प
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया कि माइक्रोसॉफ्ट ने एआई सेक्शन और क्लाउड कंप्यूटिंग में काम कर रहे अपने 700-800 कर्मचारियों को किसी अन्य देश में चले जाने पर सोचने को कहा है. खास बात ये है कि माइक्रोसॉफ्ट ने अपने जिस स्टाफ से रीलोकेट होने को कहा है उसमें अधिकतर चीन के ही लोग हैं. इन लोगों को न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और आयरलैंड में जाने का विकल्प दिया गया है.
चीन में करीब 20 साल से माइक्रोसॉफ्ट एक्टिव है और काफी तादाद में लोग वहां काम कर रहे हैं. साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट चीन में आई थी और अब उसका बिजनेस काफी ज्यादा फैल चुका है. कंपनी का अमेरिका के अलावा चीन में ही सबसे बड़ा रिसर्च और डेवेलपमेंट सेंटर है. गौरतलब है कि बाइडेन प्रशासन ने कंप्यूटर चिप, मेडिकल उपकरण, इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी जैसे सामानों जो चीन से इंपोर्ट किए जाते हैं, उन पर शुल्क बढ़ा दिया था. चीन के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर शुल्क 100 परसेंट किया गया है.