पाकिस्तान से और उम्मीद भी क्या करेंगे! लाहौर का वो चौराहा भी भगत सिंह के नाम पर नहीं रखा
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पाकिस्तान से और उम्मीद भी क्या करेंगे! लाहौर का वो चौराहा भी भगत सिंह के नाम पर नहीं रखा

Pakistan News: पाकिस्तान से एक बार फिर नफरत भरी खबर सामने आई है, जिसमें लाहौर उच्च न्यायालय ने भगत सिंह के नाम से चौराहे का नाम रखने की याचिका को खारिज कर दिया है. 

पाकिस्तान से और उम्मीद भी क्या करेंगे! लाहौर का वो चौराहा भी भगत सिंह के नाम पर नहीं रखा

Pakistan News: स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का नाम आते ही हमारे दिमाग में आजादी की लड़ाइयों की कहानियां चलने लगती है. हमारे देश में जहां पर एक तरफ स्वतंत्रता सेनानियों का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है वहीं हमारे पड़ोसी मुल्क हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को नफरत भरी निगाहों से देखते हैं, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में शादमान चौक लाहौर का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए याचिका दी गई थी. जिसे लाहौर उच्च न्यायालय के द्वारा खारिज कर दिया गया. जानें पूरा मामला. 

अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश शम्स महमूद मिर्जा ने आज भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान की उस याचिका को खारिज कर दिया. जिसमें शादमान चौक लाहौर का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और उन्हें फांसी दिए जाने की जगह पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने का अनुरोध किया गया था.

न्यायाधीश ने मेट्रोपॉलिटन कॉरपोरेशन लाहौर और फाउंडेशन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. फाउंडेशन के अध्यक्ष एडवोकेट इम्तियाज रशीद कुरैशी ने कहा कि वह लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.  इससे पहले लाहौर के नगर निगम ने लाहौर उच्च न्यायालय को बताया था कि उसने शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और उस जगह पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने की प्रस्तावित योजना रद्द कर दी है, जहां उन्हें 94 साल पहले फांसी दी गई थी. 

महानगर निगम ने अदालत में कहा, शादमान चौक लाहौर का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने और वहां उनकी प्रतिमा स्थापित करने की लाहौर शहर जिला सरकार की प्रस्तावित योजना को कोमोडोर (आर) तारिक मजीद द्वारा की गई एक टिप्पणी के आलोक में रद्द कर दिया गया है. इम्तियाज रशीद कुरैशी ने अदालत की याचिका में जिला प्रशासन, लाहौर के उपायुक्त, पंजाब के मुख्य सचिव और नगर जिला प्रशासन के प्रशासक को पक्षकार बनाया था. याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहिद जमील खान ने पांच सितंबर 2018 को संबंधित अधिकारियों को शादमान चौक का नाम भगत सिंह के नाम पर रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे. लेकिन अदालत के आदेश को अब तक लागू नहीं किया गया है.लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शम्स महमूद मिर्जा ने याचिकाकर्ता के वकील की अनुपलब्धता के कारण अवमानना ​​याचिका की सुनवाई 17 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी थी.

बता दें कि 23 साल के भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में, मुकदमा चलाए जाने के बाद 23 मार्च 1931 को लाहौर में फांसी दे दी गई थी, ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सॉन्डर्स की हत्या के आरोप में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सुखदेव और राजगुरु को भी ब्रिटिश सरकार ने फांसी दी थी. (भाषा)

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