Pakistan News: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीरी लोगों के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए हैं. दोनों नेताओं ने कश्मीर मुद्दे पर अपना समर्थन दोहराते हुए 27 अक्टूबर को 'कश्मीर काला दिवस' करार दिया.
Trending Photos
Pakistan News: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीरी लोगों के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किए हैं. दोनों नेताओं ने कश्मीर मुद्दे पर अपना समर्थन दोहराते हुए 27 अक्टूबर को 'कश्मीर काला दिवस' करार दिया. याद दिला दें कि आज ही के दिन पाकिस्तान को भारत ने कश्मीर में धूल चटाई थी. पाकिस्तानी सेना को कश्मीर से बाहर खदेड़ा था. तब से पाकिस्तान इस दिन को 'कश्मीर काला दिवस' के रूप में मनाता आ रहा है.
पाकिस्तानी नेताओं ने बयान जारी किए, जिनमें कश्मीरी जनता के प्रति पाकिस्तान की सहानुभूति और समर्थन पर जोर दिया गया. पाकिस्तान के सरकारी रेडियो ने बताया कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कश्मीरी लोगों के संघर्ष के प्रति पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी लोगों के न्यायपूर्ण मुद्दे का समर्थन करता है और उन्हें नैतिक, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से सहायता प्रदान करता रहेगा. उन्होंने इस संघर्ष को पाकिस्तानी सरकार और जनता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस अवसर पर अपने संदेश में कश्मीर के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं. उन्होंने कहा कि 77 साल पहले, इसी दिन भारतीय सेना श्रीनगर में उतरी थी और तब से लेकर अब तक कश्मीरी लोगों की स्वतंत्रता की आकांक्षाओं को दबाया गया है. शरीफ का कहना है कि यह दिन कश्मीरी लोगों के लिए एक दुखद दिन है और इसे पाकिस्तान हमेशा याद रखेगा.
भारत ने पाकिस्तान के ऐसे बयानों पर हमेशा सख्त प्रतिक्रिया दी है. और हर बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दोनों केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे. कई बार भारत ने कहा है कि कश्मीर मुद्दा पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है, और अन्य देशों को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है.
कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के रुख में हमेशा से ही गहरी असहमति रही है. जहां पाकिस्तान इसे कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय का अधिकार मानता है, वहीं भारत का कहना है कि यह मुद्दा सुलझ चुका है और जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है. इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच असहमति का असर क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर भी पड़ता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)