Pakistan Bangladesh News: 1971 में भारतीय सेना और शेख मुजीब की मुक्ति बाहिनी ने मिलकर पाकिस्तान को हराया और बांग्लादेश को आजाद कराया. लेकिन अब 34 साल बाद उसी धरती पर पाकिस्तानी फौज फिर से पहुंची है.
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Pakistan Bangladesh News: 1971 में भारतीय सेना और शेख मुजीब की मुक्ति बाहिनी ने मिलकर पाकिस्तान को हराया और बांग्लादेश को आजाद कराया. लेकिन अब 34 साल बाद उसी धरती पर पाकिस्तानी फौज फिर से पहुंची है. इस बार उनकी मंशा इतिहास को देखने की नहीं बल्कि भारत के खिलाफ नई आतंकी साजिश रचने की है.
8 संवेदनशील इलाकों में गतिविधियां
ज़ी न्यूज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी फौज और खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारी हाल ही में बांग्लादेश के 8 इलाकों में गए. ये इलाके हैं.. कॉक्स बाजार, उखिया, तेकनाफ, नकदरसुर, मौलवी बाजार, हबीगंज, शेरपुर, जमालपुर और दिनाजपुर. इन इलाकों का सामरिक महत्व है, खासकर भारत के चिकन नेक (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) के नजदीक स्थित रंगपुर.
1971 के ऐतिहासिक मोर्चे और आज की साजिश
1971 की जंग में मौलवी बाजार, उखिया और दिनाजपुर जैसे इलाके पाकिस्तानी फौज के सरेंडर के गवाह बने थे. आज ये इलाके पाकिस्तान के नए आतंकी नेटवर्क का केंद्र बन रहे हैं. इन क्षेत्रों में घने जंगल और छोटी नहरें आतंकियों के लिए छिपने और ट्रेनिंग के लिहाज से आदर्श माने जाते हैं.
भारत के खिलाफ आतंकी नेटवर्क तैयार
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी फौज ने इन इलाकों में 67 हाईली ट्रेंड आतंकियों को भेजा है. ये आतंकी हरकत उल जिहाद इस्लामी और जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश से जुड़े छात्र शिबिर के कैडरों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. इनकी साजिश भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना है.
भारत के लिए बढ़ता खतरा
बांग्लादेश के इन इलाकों में पाकिस्तानी टेरर ट्रेनर्स की मौजूदगी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है. खासकर भारत-बांग्लादेश सीमा के नजदीक इन गतिविधियों से सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है.
पाकिस्तान की खतरनाक रणनीति
ज़ी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की मंशा इन इलाकों को भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा बनाना है. जिस धरती पर 1971 में बांग्लादेश की आजादी का अध्याय लिखा गया था, उसी धरती को अब भारत के खिलाफ आतंकी साजिश के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.