Hinduism in Pakistan: पाकिस्तान एक कट्टरपंथी मुस्लिम देश है, जो भारत से अलग होने के बाद भी आज तक नफरत की आग में जल रहा है. ऐसे मुल्क में एक जगह आज भी ऐसी है, जहां सनातनी हिंदुओं का बोलबाला है. वहां हर घर में मंदिर और गायें दिख जाती हैं.
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Sanatan Gali in Pakistan: पाकिस्तान, जो कि एक कट्टरपंथी मुस्लिम मुल्क है, जहां हिंदुओं की आबादी ना के बराबर है. लेकिन इसी पाकिस्तान में एक इलाका ऐसा भी है, जहां हिंदुओं की तादाद मुस्लिमों से कई गुना ज्यादा है. क्या आप जानते हैं कि उसी पाकिस्तान में एक हिंदु बहुल इलाका है, जहां पर सनातन गली मौजूद है. वहां पर मंदिर है, शिवालय है और साधु-संतों के दरबार हैं.
मीठी शहर में है हिंदुओं का बोलबाला
मीठी, पाकिस्तान के थारपारकर जिले का यहीं वो शहर है, जिसे पाकिस्तान में मिनी हिंदुस्तान के नाम से जाना जाता है. सिंध प्रांत में मौजूद मीठी शहर. कराची से करीब 280 किलोमीटर की दूरी पर है. मीठी शहर की कुल आबादी करीब 87,000 है. जिसमें से करीब 80 फीसदी आबादी हिंदुओं की है. मीठी शहर में दर्जनों की तादाद में हिंदू मंदिर मौजूद है.
ये पाकिस्तान का वो शहर है. जहां मुस्लिमों का नहीं बल्कि हिंदुओं का बोलबाला है. यहां हिंदू मंदिर हैं. जहां पूजा अर्चना की जाती है. मंदिरों में सुबह-शाम आरती होती है. यही नहीं, मीठी में तमाम हिंदु त्योहारों को भी पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है. यानी दीपावली पर जबरदस्त आतिशबाजी और होली पर रंग-गुलाल से हुड़दंग.
हर घर-दुकान में देवी-देवताओं की तस्वीरें
मंदिर हो या दुकान. वहां पर आपको हिंदू देवताओं की तस्वीरें लगी दिख जाएंगी. वहां पोस्टर-बैनर लगे हैं. हालांकि वे हिंदी में नहीं बल्कि उर्दू या फिर स्थानीय भाषा में लिखे हुए हैं. सबसे अहम बात ये है कि पाकिस्तान के इस मिनी हिंदुस्तान यानी सिंध प्रांत के मीठी शहर में जितनी भी दुकान है. जितने भी प्रतिष्ठान है. उनमें पाकिस्तान के हिंदू समुदाय से जुड़े लोगों ने...छोटे-छोटे मंदिर स्थापित किए हुए हैं.
ये हर सनातनी के लिए गर्व की बात है. जिस पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार किए जाता है. जिस पाकिस्तान में हिंदुओं को मारा-काटा जाता है. जिस पाकिस्तान में हिंदु मंदिरों का विध्वंस किया जाता है. जिस पाकिस्तान में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण किया जाता है. उसी कट्टरपंथी सोच वाले पाकिस्तान की धरती पर. मुठ्ठी पर हिंदुओं ने सनातन को जिंदा रखा है. सनातन की अलख जगाए हुए हैं.
शहर में गोहत्या पर है पूर्ण पाबंदी
मीठी शहर में हर हिंदु परिवार ने गायों को पाल रखा है. यहां गायें हर गली-मोहल्ले में दिखायी दे जाती है. लेकिन जानते हैं. पाकिस्तान के इस सनातन गली के अलावा कहीं भी गोवंश खुले नहीं घूम सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान की जेहादी ब्रिगेड गोवंशों की हत्या करती है. उनका मांस खाती है लेकिन मीठी में गोहत्या पर पूर्ण रूप से पाबंदी है. यहां गायों को काटना तो दूर उनकी तरफ देखना भी गुनाह है.
दरअसल, मीठी शहर पाकिस्तान के उन चंद इलाकों में एक है. जहां मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदूओं का दबदबा है. यहीं वजह है कि यहां मुसलमानों को मांस खाने की मनाही है. किसी भी जानवर का मांस मीठी शहर में ना तो खाया जाता है और ना ही बेचा जा सकता है. दावा तो यहां तक किया जाता है कि मीठी शहर हिंदू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल है क्योंकि यहां के हिंदु त्योहारों में मुस्लिम भी शामिल होते हैं.
मुस्लिमों के त्योहारों में शामिल होते हैं हिंदू
हालांकि पाकिस्तान के अन्य इलाके में हिंदुओं की हालात क्या है. ये किसी से छिपा नहीं है. हिंदू पाकिस्तान में अल्पसंख्यक है. उनके साथ कट्टरपंथी क्रूरता की सारी हदें पार कर जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान के मिनी हिंदुस्तान यानी मीठी में सनातन आज भी मौजूद है.
शायद यही वजह है कि मीठी शहर के सनातनी मुस्लिमों को भी साथ लेकर चलते हैं. हिंदू समुदाय के लोग मुहर्रम के जुलूस में हिस्सा लेते हैं और कई बार तो मुसलमानों के साथ रोजे भी रखते हैं. सनातन का मकसद ही है सर्वधर्म समभाव यानी सभी धर्मों का सम्मान. लेकिन पाकिस्तान के जहरीलें कट्टरपंथियों को ये कौन समझाए.
पाकिस्तान में सिमटते जा रहे हैं हिंदू
आपने पाकिस्तान में मौजूद सनातन की गली यानी मीठी शहर के बारे में तो जाना, जहां हिंदुओं की तादाद काफी ज्यादा है. मगर बात पूरे पाकिस्तान की करें तो हिंदुओं की आबादी बेहद मामूली है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिक्स की साल 2023 की जनगणना के मुताबिक, साल 2023 में पाकिस्तान की कुल जनसंख्या करीब 24 करोड़ 04 लाख 58 हजार 089 थी.
इस कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 96.35 फीसदी थी. जबकि साल 2023 की जनगणना के मुताबिक पूरे पाकिस्तान में हिंदुओं की कुल आबादी महज 1.61 प्रतिशत ही थी. मुमकिन ये आकंड़ा बीते 2 सालों में और घटा ही होगा. उसकी वजह है पाकिस्तान के हालात, क्योंकि जिस वक्त पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था. उस दौरान पाकिस्तान में हिंदुओं की तादाद करीब 20% थी.