US-Russia Relations: अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. जहां एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाने की धमकी दी. वहीं दूसरी तरफ रूस ने अपने शांत लेकिन तीखे जवाब से अमेरिका को करारा संदेश दिया है.
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US-Russia Relations: अमेरिका और रूस के बीच तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. जहां एक तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाने की धमकी दी. वहीं दूसरी तरफ रूस ने अपने शांत लेकिन तीखे जवाब से अमेरिका को करारा संदेश दिया है. यह विवाद यूक्रेन में चल रहे युद्ध को लेकर है. जिसने तीन सालों से हजारों जानें ले ली हैं. ट्रंप के तीखे बयान के बाद रूस ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में आने वाला नहीं है.
क्रेमलिन का सधा हुआ बयान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रंप की धमकी को लेकर कहा कि हमें इसमें कुछ नया नहीं दिख रहा. ट्रंप को प्रतिबंध लगाना काफी पसंद है. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में भी इसे बार-बार इस्तेमाल किया था. पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका के साथ बराबरी और सम्मानजनक बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन इसके लिए अमेरिका की तरफ से कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं.
ट्रंप की धमकी और रूस का जवाब
ट्रंप ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पुतिन यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करते हैं तो वह रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध, टैक्स और टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप ने लिखा था कि इस युद्ध को अब खत्म करें! अगर समझौता नहीं हुआ तो मुझे मजबूर होकर रूस से आने वाले हर प्रोडक्ट पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाना पड़ेगा. इसके जवाब में रूस ने स्पष्ट किया कि वह इस तरह की धमकियों से प्रभावित नहीं होगा. पेस्कोव ने कहा कि हमने ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी ऐसा देखा है और रूस ऐसे किसी भी कदम का सामना करने के लिए तैयार है.
यूक्रेन युद्ध.. तीन सालों की तबाही
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध तीन सालों से जारी है. इस संघर्ष ने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचाया है. हजारों सैनिक और नागरिक इस युद्ध में अपनी जान गंवा चुके हैं. ट्रंप ने इस युद्ध को 'बेवकूफी भरा' करार दिया और इसे जल्द खत्म करने की अपील की.
रूस की कूटनीतिक रणनीति
रूस ने हमेशा से यह संकेत दिया है कि वह अमेरिका के साथ संवाद के लिए तैयार है. लेकिन उसकी शर्तें साफ हैं.. समानता और सम्मान. पेस्कोव ने कहा कि हम एक संतुलित और समझदारी भरी बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन अभी तक अमेरिका से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है. यह विवाद सिर्फ अमेरिका और रूस के बीच नहीं है बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है. जहां एक तरफ अमेरिका प्रतिबंधों के जरिए रूस पर दबाव बनाना चाहता है. वहीं रूस अपनी रणनीतिक कूटनीति से अमेरिका को जवाब दे रहा है.