America War Robots: अमेरिका बनाएगा किलर रोबोट्स की फौज, पल में दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देंगे ये 'आयरनमैन'
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America War Robots: अमेरिका बनाएगा किलर रोबोट्स की फौज, पल में दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देंगे ये 'आयरनमैन'

Killer Robots America: अमेरिका की घोषणा से पता चलता है कि अगर वॉर का फ्यूचर बदल गया है. यानी अब दौर फाइटर रोबॉट्स का आ चुका है. बीते दशक में, सेनाओं के लिए एडवांस रोबोटिक सिस्टम बनाए गए हैं. 

America War Robots: अमेरिका बनाएगा किलर रोबोट्स की फौज, पल में दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देंगे ये 'आयरनमैन'

America-China War: अमेरिका लगातार अपनी सैन्य ताकत को एडवांस करने में जुटा हुआ है. अमेरिका की वाइस डिफेंस मिनिस्टर कैथलीन हिक्स ने सोमवार को इसके संकेत दिए थे. हिक्स ने कहा, अमेरिका चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए अगले दो साल में हजारों ऑटोमैटिक वेपन सिस्टम शुरू करने की योजना बना रही है.

अमेरिका की रेप्लिकेटर पहल का मकसद सेना की सभी शाखाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा तादाद में किफायती हथियारों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए डिफेंस और बाकी टेक्नोलॉजी कंपनियों से कॉर्डिनेट करना है.

अब दौर फाइटर रोबॉट्स का

पिछले करीब एक दशक के आसपास अलग-अलग स्तरों पर स्वतंत्र ऑपरेशन के लिए काबिल सैन्य सिस्टम तेजी से सामान्य हुई हैं. लेकिन अमेरिका की घोषणा से पता चलता है कि अगर वॉर का फ्यूचर बदल गया है. यानी अब दौर फाइटर रोबोट्स का आ चुका है. बीते दशक में, सेनाओं के लिए एडवांस रोबोटिक सिस्टम बनाए गए हैं. इनमें से कई तो कनवर्टिंग कमर्शियल टेक्नोलॉजी पर बेस्ड हैं.

हाल ही में, ध्यान इस बात पर चला गया है कि जंग में इनका सबसे अच्छी तरह से इस्तेमाल कैसे किया जाए. यूक्रेन में रूस के युद्ध ने दिखा दिया है कि वास्तविक दुनिया में तैनाती के लिए टेक्नोलॉजी तैयार है.

बख्तरबंद गाड़ियों और तोपखाने का पता लगाने और उन पर हमला करने के लिए रोबोट प्लेन्स का इस्तेमाल किया गया है. यूक्रेनी नौसेना के हमलावर ड्रोनों ने रूस के काला सागर बेड़े को पंगु बना दिया है, जिससे उनके युद्धपोत बंदरगाह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. कभी सैन्य रोबोट के बारे में सोच विचार होता था लेकिन अब इनका समय आ गया है.

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हर जगह तैनात हो सकते हैं रोबोट सोल्जर्स

यूएस की वाइस डिफेंस मिनिसटर हिक्स ने जंग लड़ने के तरीके बदलने की तुरंत जरूरत के बारे में बताया. उन्होंने घोषणा की कि नया रेप्लिकेटर प्रोग्राम अगले 18 से 24 महीनों के भीतर कई डोमेन में हजारों की संख्या में जिम्मेदार ऑटोमैटिक सिस्टम को पेश करेगा.

ऑटोमैटिक का मतलब एक ऐसा रोबोट, जो इंसानी दखल के बिना मुश्किल सैन्य अभियानों को अंजाम दे सकता है. 'एट्रिटेबल' का मतलब है कि रोबोट इतना सस्ता है कि हाई प्रोयिरिटी वाले मिशन में इसे जोखिम में डालने और खोने का खतरा मोल लिया जा सकता है.

ऐसा रोबोट पूरी तरह से डिस्पोजेबल होने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है, लेकिन यह बहुत किफायती होगा इसलिए इन्हें बड़ी संख्या में खरीदा जा सकता है और जंग के नुकसान की भरपाई की जा सकती है.

एक से ज्यादा डोमेन से मतलब जमीन, समुद्र, हवा और अंतरिक्ष में रोबोट की तैनाती से है. यानी सभी तरह के कामों के लिए हर जगह रोबोट तैनात किए जा सकते हैं.

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अमेरिका के लिए चुनौतियां

  • अमेरिकी सेना के लिए, रूस एक गंभीर खतरा है, लेकिन चीन लगातार तेज होती चुनौती भी है जिसके खिलाफ उसे अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत बनाना है.

  • चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में अधिक लोग, अधिक टैंक, अधिक जहाज, अधिक मिसाइलें इत्यादि हैं. अमेरिका के पास भले ही बेहतर क्वॉलिटी वाले डिवाइस हो सकते हैं, लेकिन चीन संख्या के मामले में बाजी मार ले जाता है.

  • रेप्लिकेटर प्रोग्राम अब हजारों एट्रिटेबल ऑटोनॉमस सिस्टम की तुरंत मैन्युफैक्चरिंग कर अमेरिका को भविष्य के बड़े युद्ध जीतने में जरूरी मदद करेगा.

  • चीन का ताइवान को लेकर जो रुख है उससे तनाव के संघर्ष में तब्दील होने की आशंका है. ऐसे में रोबोट किसी भी बड़े चीनी आक्रमण को बेदम करने में अमेरिका के लिए निर्णायक हो सकते हैं.

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