नई दिल्लीः कोरोना काल के दौरान देशभर की अदालतों में 1.95 करोड़ से अधिक मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई की गई. यह कोरोना काल में किसी भी देश की अदालतों की ओर से ऑनलाइन सुने गए मुकदमों की सर्वाधिक संख्या है. कोविड के चलते देश में 24 मार्च 2020 को पहला लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके साथ ही देशभर की अदालतों में भी फिजिकल सुनवाई रोक दी गई थी.
राज्यसभा में कानून मंत्री ने दी जानकारी
राज्यसभा में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से दिए गए जवाब में कोविड काल के दौरान देशभर की अदातलों में की गई ऑनलाइन सुनवाई की जानकारी दी गई है. रिजिजू की ओर से पेश किए गए जवाब के अनुसार मार्च 2020 से 30 अप्रैल 2022 तक देश की जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में कुल 1 करोड़ 28 लाख 77 हजार 549 मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई की गई. वहीं इसी अवधि के दौरान सभी हाई कोर्ट में 63 लाख 76 हजार 531 मुकदमे सुने गए.
देश की सर्वोच्च अदालत ने भी कोरोना काल के दौरान अपने दरवाजे खुले रखे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 2 लाख 61 हजार 338 मुकदमों की सुनवाई की. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए शुरुआत में मोबाइल पर ही सुनवाई की इजाजत दी थी.
जब आपदा को बनाया अवसर
कोरोना काल के चलते देशभर की अदालतों में फिजिकल तरीके से सुनवाई बेहद कम हो गई थी. ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई ही एकमात्र उपाय था, जिसे सुप्रीम कोर्ट सहित देशभर की अदातलों ने तुरंत स्वीकार किया. इसके फलस्वरूप 3,240 कोर्ट परिसर और 1,272 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई. पिछले कई सालों से देश की अदालतों में इस सुविधा के लिए प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन कोविड के चलते कुछ ही महीनों में देशभर की अदालतों में ये सुविधा उपलब्ध कराई गई.
पहली बार सामने आए नए तरीके
तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे दूरस्थ इलाकों में मुकदमों की शीघ्र सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के लिए मोबाइल ई-कोर्ट भी प्रारंभ किए गए. इनमें वाई फाई और कंप्यूटर के साथ हाई रेज्यूलेशन कैमरों से वैन में ही मुकदमों की सुनवाई की गई.
कोरोना काल के दौरान मीडिया को भी अदालतों में प्रवेश की अनुमति नहीं थी. ऐसे में गुजरात, उड़ीसा, कर्नाटक, झारखंड, पटना और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मीडिया के साथ-साथ पक्षकारों के लिए सुनवाई को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सीधा प्रसारण भी किया गया. कई अदालतों में ई फाईलिंग सुविधा के लिए ई सेवा केंद्र भी स्थापित किए गए.
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