नई दिल्ली: भारत की सुरक्षा की जिम्मेदारी को जितनी शिद्दत से आर्मी सेना देश की सीमाओं पर निभाती है, देश के लिए उतनी ही जिम्मेदारी से पुलिस अधिकारी भी अपना काम करते हैं. दोनों का ही काम देश को दुश्मनों से सुरक्षित रखना है. आर्मी सेना में आर्मी जनरल और पुलिस विभाग में DGP का पद वरिष्ठ होत है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि आर्मी जनरल ऑफ इंडिया और पुलिस डीजीपी में क्या अंतर है? दोनों की कार्यशैली, पॉवर, कार्यक्षेत्र और सैलरी एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती है.
कितना है दोनों में अतंर
गौरतलब है कि आर्मी जनरल पर देश की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. ये देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काम करते हैं. वहीं, आर्मी जनरल सीधे देश के राष्ट्रपति एवं रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट करते हैं और इसी के अंतर्गत काम करते हैं. एक ओर देश की सुरक्षा के लिए आर्मी जनरल को नियुक्त किया जाता है. दूसरी तरफ राज्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी डीजीपी (Director General of Police) को दी जाती है.
DGP रखते हैं राज्य का ध्यान
DGP राज्य सरकार को रिपोर्ट करते हैं. वह पर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं. उनकी रिपोर्टिंग सीधा उस राज्य के मुख्यमंत्री और राज्य के गृह सचिव के पास होती है. कुल मिलाकर कहें तो एक डीजीपी को राज्य में होने वाली हर गतिविधि पर नजर बनाए रखनी होती है.
किसे माना गया ज्यादा ताकतवर
वैसे, आर्मी जनरल और डीजीपी दोनों ही पद अपनी-अपनी जगह पर अहम होते हैं, लेकिन एक आर्मी जनरल को डीजीपी के मुकाबले ज्यादा ताकतवर माना जा सकता है. क्योंकि पर उन पूरे देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है. आर्मी जनरल को आतंकवाद, सीमा पर होने वाली गतिविधियों और युद्ध जैसी चीजों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए जाना जाता है. हालांकि, डीजीपी केवल एक राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित कर रहे होते हैं.
सैलरी में अंतर
वहीं, अगर डीजीपी और आर्मी जनरल की सैलरी पर बात की जाएं तो इसमें बहुत ज्यादा फर्क नहीं देखने को मिलेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक आर्मी जनरल को 2.5 लाख रुपये मासिक इनकम मिलती है, जबकि डीजीपी की मासिक आय 2.25 लाख रुपये होती है. इसके अलावा दोनों को सरकारी आवास, सुरक्षा, वाहन, मेडिकल, उच्च स्तर की पेंशन भी प्रदान की जाती है. इससे इतर आर्मी जनरल को कैंटीन की सुविधा भी प्रदान की जाती है.
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