नई दिल्ली: 21 February History Lahore Declaration: आज की तारीख यानी 21 फरवरी भारत के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण है. ये वही तारीख है, जब 1999 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसे ‘लाहौर समझौता’ भी कहा जाता है. चलिए, जानते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी पाक यात्रा पर क्यों गए थे और लाहौर समझौता क्या है?
क्या था लाहौर समझौता, जो भारत पाक के बीच हुआ
- 21 फरवरी, 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर समझौता हुआ था.
- इस समझौते के तहत दोनों देशों की सरकारों ने शांति, स्थिरता बनाए रखने, विकास के प्रति, शिमला समझौते और UN चार्टर के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी.
- भारत और पाक ने माना कि एटॉमिक वेपन्स विकसित करने से दोनों देशों के ऊपर टकराव से बचने और एक दूसरे पर भरोसा बढ़ाने के लिए कदम बढाने चाहिए.
- ये भी तय हुआ कि दोनों में से कोई भी देश परमाणु हथियारों का अनाधिकृत इस्तेमाल करेगा तो, उसे रोकने के लिए तुरंत बड़े कदम उठाए जाएंगे.
- साथ ही कश्मीर विवाद को जल्द सुलझाने की कोशिश की बात हुई. तेज करेंगे.
अटल बोले- पाक के साथ शांति चाहते हैं
जब अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर पहुंचे तो उनका स्वागत हुआ. तब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा- मैं अपने साथी भारतीयों की सद्भावना और आशा लेकर आया हूं. हम पाकिस्तान के साथ स्थायी शांति और सौहार्द चाहते हैं. मैं जानता हूं कि यह साउथ एशिया के इतिहास में एक निर्णायक पल है. मुझे उम्मीद है कि हम चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे.'
जब टूट गया लाहौर समझौता
भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर समझौता ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका. 1999 में मई के महीने में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले में घुसपैठ की. फिर कुछ भारतीय इलाके पर कब्जा कर लिया. फिर भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की. लिहाजा, दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया. इसे कारगिल युद्ध कहा जाता है.
ये भी पढ़ें-छतरी, लिपस्टिक, किताब... वे 5 सीक्रेट हथियार, जिनसे जासूस चुपचाप ले लेते हैं दुश्मन की जान!
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.