मणिपुर में मैतेई संगठन का बड़ा प्रदर्शन, लगे 'स्वदेशी लोगों की रक्षा करें' के नारे

रैली में मैतेई समुदाय के लोगों के अलावा अभूतपूर्व संख्या में नागा जनजाति और मुसलमान शामिल हुए. बाद में प्रतिभागियों ने जातीय संघर्ष को समाप्त करने और 'म्यांमार से आकर 'मणिपुर में परेशानी पैदा करने वाले चिन-कुकी नार्को-उग्रवादियों को उखाड़ फेंकने' का संकल्प लिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 29, 2023, 09:22 PM IST
  • मैतेई समुदाय का बड़ा प्रदर्शन.
  • राजधानी इंफाल में किया प्रदर्शन.
मणिपुर में मैतेई संगठन का बड़ा प्रदर्शन, लगे 'स्वदेशी लोगों की रक्षा करें' के नारे

इंफाल. मणिपुर हिंसा के बीच राजधानी इंफाल में मैतेई समुदाय के मुख्य नागरिक समाज संगठन, मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) सहित विभिन्न संगठनों द्वारा शनिवार को विशाल शांति रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में तथाकथित कुकी-चिन उग्रवादियों को मणिपुर में जारी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. यह रैली, मणिपुर क्षेत्र के विभाजन के खिलाफ 2001 की रैली के बाद सबसे बड़ी रैली थी जो थांगमेइबंद से शुरू हुई और लगभग आठ किमी की दूरी तय करने के बाद हप्ता कांगजेइबुंग में समाप्त हुई.

हर उम्र के लोगों ने लिया हिस्सा
रैली में भाग लेने वालों में पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे. उन्‍होंने 'मणिपुर जिंदाबाद', 'अवैध घुसपैठ रोकें', 'राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू करें', 'मणिपुर का कोई विभाजन नहीं', 'स्वदेशी लोगों की रक्षा करें', 'जंगल और पर्यावरण की रक्षा करें' और 'महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकें' जैसे नारे दिए. रैली में मैतेई समुदाय के लोगों के अलावा अभूतपूर्व संख्या में नागा जनजाति और मुसलमान शामिल हुए. बाद में प्रतिभागियों ने जातीय संघर्ष को समाप्त करने और 'म्यांमार से आकर 'मणिपुर में परेशानी पैदा करने वाले चिन-कुकी नार्को-उग्रवादियों को उखाड़ फेंकने' का संकल्प लिया.

क्या बोले प्रदर्शनकारी
सीओसीओएमआई के नेतृत्व में रैली के आयोजकों ने जल्द से जल्द शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपने का फैसला किया. रैली में भाग लेने वालों ने दावा किया कि मणिपुर में मौजूदा संकट अवैध प्रवासियों द्वारा शुरू किया गया था. सीओसीओएमआई के संयोजक जितेंद्र निंगोम्बा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था और 15 दिन के बाद फिर से आने का वादा किया था, लेकिन वह नहीं आए.

केंद्र ने भेजे 40 हजार केंद्रीय बल, लेकिन सही उपयोग नहीं हुआ
उन्होंने कहा, केंद्र ने 40,000 से अधिक केंद्रीय बल भेजे थे, लेकिन मणिपुर के लोगों की सुरक्षा के लिए उनका उचित उपयोग नहीं किया गया. विरोध रैली के एक अन्य नेता आर.के. निमाई ने कहा कि कुकी लोगों ने लोगों पर अंधाधुंध हमला करके, संपत्तियों को नष्ट करके और घरों में आग लगाकर मैतेई समुदाय को संघर्ष में खींच लिया.

रैली में भाग लेने वालों ने, तख्तियां और बैनर लेकर, एनजीओ समन्वय समिति द्वारा आयोजित विरोध रैलियों में भाग लेने के लिए मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा की आलोचना की. एनजीओ कोऑर्डिनेशन कमेटी सेंट्रल यंग मिज़ो एसोसिएशन (सीवाईएमए) सहित पांच प्रमुख नागरिक समाज संगठनों का समूह है. उसने मंगलवार को मणिपुर के कुकी-ज़ो जातीय समुदाय के साथ एकजुटता के लिए मिजोरम में रैली निकाली थी.

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