जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलाया इस आतंकवादी संगठन से हाथ, भारत को दी धमकी! एजेंसियां ​​सतर्क

Pakistan news: एक फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास पिछले काफी समय से इजरायल के साथ युद्ध में है. अबतक इसने अपनी गतिविधियों को मुख्य रूप से मध्य पूर्व तक ही सीमित रखा है. हालांकि, पाकिस्तान समर्थित सम्मेलन में इसकी भागीदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के साथ बढ़ते संबंधों का संकेत देती है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 6, 2025, 11:38 AM IST
  • 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस के रूप में मनाता है पाकिस्तान
  • ईरान में हमास के प्रतिनिधि खालिद अल-कदौमी ने बैठक में भाग लिया
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलाया इस आतंकवादी संगठन से हाथ, भारत को दी धमकी! एजेंसियां ​​सतर्क

Jaish-e-Mohammed meeting with Hamas: पाकिस्तान के दो सबसे बड़े आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने हमास के साथ हाथ मिला लिया है. यह गठबंधन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रावलकोट में कश्मीर एकजुटता दिवस नामक एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से देखा गया. इस कार्यक्रम में जैश के आतंकवादी मंच पर हमास नेताओं को सुरक्षा प्रदान करते देखे गए. जैश के एक आतंकवादी ने मंच से यह घोषणा भी की कि हमास और पाकिस्तानी जिहादी समूह एक हो गए हैं.

प्रमुख उपस्थित लोगों में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का भाई तल्हा सैफ, जैश कमांडर असगर खान कश्मीरी और मसूद इलियास तथा लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष नेता शामिल थे.

भारत विरोधी नफरत भरे भाषण
कार्यक्रम के दौरान आतंकवादी नेताओं ने भारत के खिलाफ खुलकर बात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नफरत भरे बयान दिए गए. एक आतंकवादी ने दावा किया कि फिलिस्तीन और कश्मीर के लड़ाके एकजुट हो गए हैं. उन्होंने दिल्ली में खून बहाने, कश्मीर को भारत से अलग करने और भारत के टुकड़े करने जैसी गीदड़भभकी भी दी.

पाकिस्तान का हमास को समर्थन
पाकिस्तान के हमास के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं. पाकिस्तानी सेना हमास के आतंकवादियों को प्रशिक्षित करती है, खास तौर पर हवाई और नौसैनिक अभियानों में, वो भी पाकिस्तान के SSG (स्पेशल सर्विसेज ग्रुप) कमांडो की मदद से. इनमें से कई प्रशिक्षित आतंकवादी फिर इजरायल के खिलाफ हमले करते हैं. हमास को पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में फंडिंग भी मिलती है. हाल ही में इजरायल-गाजा संघर्ष के बाद, पाकिस्तानी नेताओं ने कतर में हमास के अधिकारियों से मुलाकात की, जिससे उनके रिश्ते और मजबूत हुए.

कब हुई बैठक और क्यों दिन था विशेष?
जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर, हमास के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ, बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (PoJK) में एक सभा के दौरान मिले. पाकिस्तान 5 फरवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस के रूप में मनाता है, जिसे उसके भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.

'कश्मीर एकजुटता और हमास ऑपरेशन 'अल अक्सा फ्लड' सम्मेलन' नामक यह कार्यक्रम रावलकोट के शहीद साबिर स्टेडियम में हुआ. बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा दोनों ने भारतीय धरती पर कई हमले किए हैं, जिनमें 2001 का संसद हमला, 2008 का मुंबई हमला और 2019 का पुलवामा बम धमाका शामिल है.

खुफिया एजेंसियां अलर्ट
भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पीओके कार्यक्रम में पाकिस्तानी आतंकवादियों और हमास के पदाधिकारियों का जमावड़ा कश्मीर और गाजा संघर्ष के बीच एक झूठी समानता दिखाने के अभ्यास का हिस्सा है.

इस बीच, भारतीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर दो प्रमुख बैठकों की अध्यक्षता की. एक मंगलवार को और दूसरी बुधवार को.

शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 'शून्य घुसपैठ' के लक्ष्य को प्राप्त करना है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों के निरंतर प्रयासों के कारण क्षेत्र में आतंकी नेटवर्क कमजोर हो गया है.

उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य आतंकवादियों के अस्तित्व को जड़ से उखाड़ फेंकना होना चाहिए.' बैठक में सेना, पुलिस, अर्धसैनिक बलों और अन्य के शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए.

यह पहली बार है कि शाह ने लगातार दो दिनों में जम्मू-कश्मीर पर दो महत्वपूर्ण बैठकों में भाग लिया.

बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, डीजीपी नलिन प्रभात, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल हुए.

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