नई दिल्लीः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का महिला आरक्षण बिल को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. मायावती ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभा में 33 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण देने के लिए संसद में बिल लाने जा रही है, जिसका बसपा दिल से स्वागत करती है.
'चर्चा के बाद पास हो जाएगा बिल'
मायावती ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चर्चा के बाद इस बार बिल पास हो जाएगा, क्योंकि यह काफी समय से लंबित था. महिलाओं की संख्या को देखते हुए आरक्षण का प्रतिशत 33 नहीं, बल्कि 50 प्रतिशत होना चाहिए. साथ ही एससी, एसटी या ओबीसी कोटा भी सुनिश्चित होना चाहिए.
'33 की बजाय 50 प्रतिशत मिले आरक्षण'
उन्होंने आगे कहा कि मैंने संसद में अपनी पार्टी की ओर से कहा था कि महिलाओं की आबादी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रस्तावित 33 की बजाय 50 प्रतिशत आरक्षण मिले. हम पहले से ही इस विधेयक के समर्थन में हैं.
महिला आरक्षण बिल को जातिवादी पार्टियां आगे बढ़ते नहीं देखना चाहती हैं. इन वर्गों की महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम ये मान कर चलेंगे कि ये भी कांग्रेस की ही तरह इन्हें हाशिये पर रखना चाहते हैं.
'बसपा दिल से करती है स्वागत'
बकौल मायावती, 'सीटें बढ़ाई जाए तो किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. मुझे उम्मीद है कि सरकार इस बारे में सोचेगी. पुराने संसद भवन से विदाई हो चुकी है. इसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकता है. मुझे संसद के दोनों सदनों में जाने का मौका मिला, जो मेरे लिए सौभाग्य की बात है. नए संसद की शुरुआत आज से की जा रही है जिसका बसपा दिल से स्वागत करती है.'
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