जेएनयू में एंटी नेशनल गतिविधियों पर कुलाधिपति का बड़ा बयान, जानें क्या कहा

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलाधिपति वी के सारस्वत ने एंटी नेशनल गतिविधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. वीके सारस्वत नीति आयोग के सदस्य भी हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 9, 2022, 07:58 PM IST
  • 'मुक्त सोच वाला समाज है जेएनयू'
  • कई छात्र यूएपीए के तहत हुए थे अरेस्ट
जेएनयू में एंटी नेशनल गतिविधियों पर कुलाधिपति का बड़ा बयान, जानें क्या कहा

नई दिल्लीः जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलाधिपति वी के सारस्वत ने एंटी नेशनल गतिविधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है. वीके सारस्वत नीति आयोग के सदस्य भी हैं.

'विचारों के मुक्त आदान-प्रदान की जगह है जेएनयू'
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र इस संदेश को समझ गए हैं कि यह विचारों के मुक्त आदान-प्रदान की जगह है, लेकिन ऐसी गतिविधियों के लिए इस स्थान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, जो राष्ट्र-विरोधी हैं या देश की संप्रभुता के हितों के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू के लोगों के पास अपनी विचार प्रक्रिया का इस्तेमाल करने की पर्याप्त स्वतंत्रता है और वे भारत तथा दुनिया में चल रहे घटनाक्रम को लेकर सजग हैं. 

'मुक्त सोच वाला समाज है जेएनयू'
उन्होंने कहा, ‘यह मुक्त सोच वाला समाज है. इसलिए आपको अनेक विरोधाभासी विचार प्रक्रियाएं मिलेंगी. इसलिए कई बार विचारों का टकराव होता है, इसलिए आप सुना करते थे कि यहां समस्याएं हैं.’ सारस्वत ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भी बहुत हद तक मदद की है, क्योंकि लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया और उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें घर में बैठने के बजाय अधिक रचनात्मकता के लिए जेएनयू के माहौल की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘और इस वजह से आपको कुछ सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं.’

कई छात्र यूएपीए के तहत हुए थे अरेस्ट
जेएनयू के अनेक छात्रों और पूर्व छात्रों को 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश में कथित रूप से शामिल रहने के मामले में विधिविरुद्ध क्रियाकलाप गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, नताशा नरवाल और देवांगना कलीता शामिल हैं. नरवाल और कलीता को बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया, वहीं उमर खालिद और शरजील इमाम अब भी जेल में हैं. 

इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार और खालिद को साल 2016 में परिसर में प्रदर्शन के दौरान नारेबाजी के बाद राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया था. कुमार इस समय कांग्रेस के सदस्य हैं. 

जनवरी 2020 में हुई थी तोड़फोड़ 
साल 2020 में पांच जनवरी को कुछ नकाबपोश लोग जेएनयू परिसर में घुस गये थे और उन्होंने तीन छात्रावासों में छात्रों पर लाठियों, पत्थरों और सरियों से हमला किया था. उन्होंने वहां फर्नीचर और छात्रों के सामान के साथ तोड़फोड़ भी की थी. वाम समर्थित छात्र संगठनों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों के बीच पिछले कुछ सालों में विश्वविद्यालय परिसर में हिंसा के अनेक मामले सामने आये हैं. 

इस साल अप्रैल में विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में छात्रों के दो समूहों में राम नवमी पर कथित रूप से मांसाहार परोसने को लेकर झगड़ा हो गया था.

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