मैनपुरी में पुलिस और ट्रक ड्राइवरों के बीच झड़प, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

केंद्र सरकार द्वारा 'हिट एंड रन' के मामलों पर लाए गए नए कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से प्रदर्शनरत ट्रक ड्राइवरों ओर पुलिस के बीच हिंसक झड़प की खबर प्रकाश में आई है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Jan 2, 2024, 05:35 PM IST
  • हालात बिगड़ता देख पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
  • प्रदर्शनकारियों को खदेड़ हालात पर पाया गया काबू
मैनपुरी में पुलिस और ट्रक ड्राइवरों के बीच झड़प, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा 'हिट एंड रन' के मामलों पर लाए गए नए कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों का प्रदर्शन जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से प्रदर्शनरत ट्रक ड्राइवरों ओर पुलिस के बीच हिंसक झड़प की खबर प्रकाश में आई है. दरअसर नए कानून के खिलाफ धरने पर बैठे ट्रक ड्राइवरों ने एक्सप्रेस-वे पर जाम लगाना चाहा, लेकिन जब वे इसमें असफल हुए तो गाड़ियों और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. पुलिस वाहनों पर हुए पथराव से आस-पास दहशत फैल गई. 

हालात बिगड़ता देख पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठियां पटकनी शुरू कर दी. फिर भी जब हालात काबू में नहीं आए तो पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए. इस पूरी घटना क्रम से एक्सप्रेस-वे पर लंबा जाम लग गया. एक्सप्रेस-वे पर हुए इस बवाल की खबर मिलते ही घिरोर और दन्नाहार से पुलिस की कई टुकड़ियां घटनास्थल पर पहुंच गईं. 

प्रदर्शनकारियों को खदेड़ कर हालात पर पाया गया काबू
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़कर हालात पर काबू पाया. मामले पर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने कहा कि कुछ ट्रक ड्राइवरों ने एक्सप्रेस वे पर जाम लगा दिया था. साथ ही कुछ ड्राइवरों ने पत्थर फेंकना भी शुरू कर दिया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और ट्रक ड्राइवरों को खदेड़ दिया गया. इस घटना में किसी भी यात्री के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. 

क्या है नया हिट एंड रन कानून
दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से लाए नए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र मिलता है. इसके अनुसार अगर कोई ड्राइवर तेज गति या लापरवाही से किसी की मौत का कारण बनता है और वह घटनास्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की कैद हो सकती है. साथ ही उसपर 7 लाख रुपये का जुर्माना भी लग सकता है. ये कानून दोपहिया और चौपहिया वाहन चालकों पर लागू होता है. जबकि मौजूदा कानून में ये सजा 2 साल की है. 

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