प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि वो जातीय जनगणना के व्यक्तिगत तौर पर विरोधी नहीं हैं. हालांकि उन्होंने साफ किया कि इस जनगणना का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने चेताया भी कि जिन्हें लगता है कि वो जातीय जनगणना का राजनीतिक लभा उठा लेंगे, उनके सपने मुंगेरी लाल के हसीन सपने बनकर रह जाएंगे.
दरअसल बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए जातीय जनगणना के आंकड़े हाल ही में आए हैं. विपक्षी दल लगातार जातीय जनगणना की हिमायत भी कर रहे हैं. इस मौर्य ने कहा है- ये विपक्षी दल जब सत्ता में थे तब उन्होंने गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ नहीं किया . अब सत्ता में आने के लिए वे ये सारे प्रयोग कर रहे हैं.
केशव प्रसाद यहीं नहीं रुके और उन्होंने कहा-सत्ता से बेदखल होने के बाद यह सारा प्रयोग सत्ता में आने के लिए है. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए ये परिवारवादी राजनीतिक दल केवल एक सूत्री एजेंडा चला रहे हैं. अगर 2024 में तीसरी बार मोदी सरकार बन जाएगी तो इन लोगों के खिलाफ जो अभी जांच की प्रक्रिया चल रही है, वह पूरी हो जाएगी और सजा मिलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.'
महाकुंभ की कैसी है तैयारी, डिप्टी सीएम ने दी जानकारी
बता दें कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में साल 2025 में महाकुंभ मेला लगने वाला है. इसकी तैयारी जोरों पर चल रही है. मौर्य ने समीक्षा बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि प्रयागराज में रिंग रोड के तीन चरण की निविदा की प्रक्रिया पूरी हो गई है. उन्होंने बताया कि प्रयागराज में अंत्येष्टि संस्कार के लिए दारागंज घाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट और अन्य घाटों में शवदाह सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.एक समिति बनाई जाएगी जो इसकी कार्ययोजना तैयार करेगी.
मौर्य ने कहा-कुंभ की परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही गंगा नदी के तट पर दशाश्वमेध घाट से सीडीए पेंशन तक ‘रीवरफ्रंट’ बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
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