नई दिल्लीः तारा शाहदेव का नाम भूले नहीं होंगे आप. वही तारा शाहदेव, रांची वाली शूटर. यूं तो तारा को निशानेबाजी के खेल में सितारा बनना था लेकिन उनकी बदकिस्मती देखिए वो किसी और वजह से सुर्खियों में आ गई थीं. जी हां, हम बात कर रहे हैं उन तारा शाहदेव की जो 6 साल पहले लव जिहाद की हुईं थी शिकार.
तारा शाहदेव लव जिहाद प्रकरण
साल 2014 में तारा शाहदेव लव जिहाद प्रकरण पहली बार सुर्खियों में आया था. अब जब फिर से लव जिहाद सुर्खियों में हैं तो तारा शाहदेव खुलकर सामने आई हैं और लव जिहादियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. आइए जानते हैं कि किस तरह से उन्होंने एक लव जिहादी की जिल्लतें झेली थीं.
2014 का है मामला
वो साल था 2014. झारखंड की उभरती हुई निशानेबाज तारा शाहदेव शूटिंग प्रैक्टिस में जी-जान से जुटी हुई थीं. प्रैक्टिस के लिए वो रांची के होटवार स्टेडियम जाया करती थीं. वहीं रकीबुल हसन महंगी गाड़ियों में आता था और रौब गांठता था.
उसने तारा शाहदेव को निशाना लगाते देखा तो उन्हें फंसाने की साजिश में जुट गया और तारा इन सब से अनजान थी.
खुद को हिंदू पेश किया आरोपी ने
इस मुस्लिम रकीबुल ने तारा के सामने खुद को रंजीत सिंह कोली यानी हिंदू के तौर पर पेश किया. तारा को प्रभावित करने के लिए उसने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. और आखिरकार उसने तारा को शादी के लिए मना लिया. रांची के एक बड़े होटल में रंजीत उर्फ रकीबुल और तारा शाहदेव की शादी हुई.
रंजीत निकला रकीबुल
शादी रचाने के साथ ही रकीबुल अपने लव जिहादी मिशन में जुट गया. शादी के बाद तारा को पता चला कि जिसे रंजीत समझकर उन्होंने शादी रचाई थी वो दरअसल रकीबुल है. अब रकीबुल ने तारा को सारा परवीन बनाने की मुहिम शुरू कर दी.
तारा पर उसने धर्म परिवर्तन का दबाव डालना शुरू किया. हिंदू से मुस्लिम बनने को कहा. तारा से सारा परवीन बनने को कहा. तारा ने सीधे इनकार किया तो मारपीट और जुल्मो-सितम का अंतहीन दौर शुरू हो गया.
मामले की हुई CBI जांच
अत्याचार का लंबा दौर चला और एक रोज रकीबुल के घर से भागने में तारा को कामयाबी मिली. जब उसने मीडिया के सामने लव जिहाद की इस कहानी के बारे में बताया तो पूरा मुल्क दंग रह गया. 6 साल पहले झारखंड में शायद ये लव जिहाद का पहला मामला था जिसने इतनी सुर्खियां बटोरी. आंदोलन-प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया. आखिरकार लव जिहादी रकीबुल हसन की गिरफ्तारी हुई. 2015 में झारखंड सरकार को सीबीआई जांच के आदेश भी देने पड़े.
तारा शाहदेव को क्रूरता के आधार पर लोअर कोर्ट से तलाक भी मिल गया लेकिन वो चाहती हैं कि इस शादी को ही शून्य करार दिया जाए क्योंकि शादी झूठ बोलकर और झांस देकर रचाई गई थी. इसलिए वो अपनी शादी को शून्य ठहराने के लिए झारखंड हाईकोर्ट भी गई हैं.
तारा को अभी इस बात का अफसोस
गिरफ्तारी के 5 साल बाद रकीबुल आजाद हो गया और अब वो इत्मीनान की जिंदगी जी रहा है लेकिन उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए अभी भी तारा कोर्ट-कचहरी का चक्कर लगा रही हैं. तारा शाहदेव को इस बात का अफसोस है कि अगर उस वक्त लव जिहाद के खिलाफ कानून होता तो उन्हें इस कदर दुश्वारियां नहीं झेलनी पड़तीं.
अब लव जिहाद के खिलाफ लड़ेंगीं तारा
अब जब उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बन गया है तो वो चाहती हैं कि देश का हर राज्य ये कानून बनाए. वो ये भी चाहती हैं कि जिस झारखंड में 6 साल पहले उनके साथ लव जिहाद हुआ था, वहां भी ये कानून बनना चाहिए. यूपी के कानून में लव जिहादियों के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है लेकिन तारा शाहदेव चाहती हैं कि सजा उम्रकैद की होनी चाहिए ताकि जिंदगी भर उन्हें उनके किए गए गुनाहों की सजा मिलती रहे. झारखंड में लव जिहाद के खिलाफ मोर्चा खोल चुकीं तारा शाहदेव झारखंड के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर कड़े कानून की वकालत भी करने वाली हैं.
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