India Defence Budget: भारत का रक्षा सेक्टर, राष्ट्रीय सुरक्षा का एक स्तंभ और स्वदेशी विनिर्माण का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. ऐसे में रक्षा क्षेत्र को भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 1 फरवरी को आगामी केंद्रीय बजट 2025 से बड़ी उम्मीदें हैं. दुनिया और पड़ोस दोनों में अस्थिर सुरक्षा वातावरण के बीच, युद्ध में तेजी से तकनीकी प्रगति के साथ, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और नवाचार को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
विशेषज्ञों ने बताया कि सरकार का रक्षा व्यय पर ध्यान सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा, जबकि आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति को प्राथमिकता देकर भारत के रक्षा परिदृश्य को आकार देने की क्षमता है. एक सुव्यवस्थित पूंजीगत व्यय, उन्नत अनुसंधान एवं विकास निवेश और रणनीतिक नीतिगत प्रोत्साहन न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देंगे बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भारत के उभरने को भी बढ़ावा देंगे.
रक्षा बजट पर जानकारी
भारत का रक्षा बजट ऐतिहासिक रूप से एक दशक से भी अधिक समय से सकल घरेलू उत्पाद का औसतन 2.5% रहा है, जिसमें पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हुई है. जुलाई 2024 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय द्वारा पूंजी अधिग्रहण के लिए ₹1.72 लाख करोड़ आवंटित किए गए. कुल मिलाकर, बजट में मंत्रालय के लिए ₹6.22 लाख करोड़ निर्धारित किए गए.
पिछले पांच वर्षों में, पूंजीगत बजट आवंटन औसतन 11% की वार्षिक दर से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, इसके लगभग ₹1,90,920 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए, उम्मीद है कि इस बजट का 75% या लगभग ₹1,43,000 करोड़ घरेलू खरीद के लिए आवंटित किया जाएगा.
पनडुब्बियां समेत क्या मिल सकता है?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख खरीदों में, प्रोजेक्ट P75(I) के तहत छह पनडुब्बियों और 26 समुद्री विमानों के लिए अनुबंधों पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त, कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, हल्की मशीन गन और हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों जैसी प्रणालियों के लिए अनुमोदन अनुबंधों में तब्दील हो सकते हैं, जिससे घरेलू रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा. बाकी अब देखना है कि कल यानी एक फरवरी को रक्षा क्षेत्र को क्या मिलता है.
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