Independance Day Special: आजादी के 75 साल पूरे हो गये हैं और इस मौके पर केंद्र सरकार आजादी के जश्न को अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है. इस मौके पर हम भी आपको भारत के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट की कुछ खास यादों से रूबरू कराने जा रहे हैं. मौजूदा समय में भले ही भारतीय क्रिकेट का कोई सानी नहीं है लेकिन आजादी के बाद ऐसा नहीं था. हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजों के साथ ही क्रिकेट का खेल भारत में आया था और आज हम उसी खेल में उनसे काफी आगे हैं.
1932 में भारत को टेस्ट प्लेइंग नेशन के रूप में पहचान जरूर मिली लेकिन उसे अपनी पहली जीत हासिल करने के लिये 1952 तक का इंतजार करना पड़ा. हालांकि आजादी से पहले तक भारतीय टीम सिर्फ इंग्लैंड के खिलाफ ही खेलती नजर आई थी. ऐसे में आज हम आपको आजादी के बाद भारत के लिये खेलने वाली पहली क्रिकेट टीम के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि इस टीम में कौन-कौन से खिलाड़ी थे और जो पहला मैच खेला था वो कैसा रहा था.
आजादी के बाद भारत ने सबसे पहले किया ऑस्ट्रेलिया का दौरा
15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली तो 2 सालों तक देश का संविधान और उसे कैसे लागू किया जाये इस पर काम होता रहा लेकिन इसके चलते क्रिकेट खेलने वालों और क्रिकेट प्रेमियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मैच खेलने से कोई नहीं रोक सका. आजादी के बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला दौरा ऑस्ट्रेलिया में किया था.
लाला अमरनाथ की कप्तानी में भारतीय टीम का चयन किया गया जिसमें वीनू मांकड़ और हेमु अधिकारी बतौर ओपनर शामिल किये गये. विजय हजारे, खांडु रांगनेकर और गोगुमल किशनचंद को मध्यक्रम की जिम्मेदारी दी गई तो वहीं पर गुल मोहम्मद और रंगा सोहोनी को निचले क्रम की जिम्मेदारी दी गई. गेंदबाजी विभाग में भारत के लिये दत्तु फाडकर, आमिर इलाही और जेनी इरानी को शामिल किया गया.
वीनू मांकड़ ने किया था शानदार प्रदर्शन
पर्थ में खेले गये इस पहले मैच में भारतीय टीम का सामना वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से हुआ, जो कि पहले बल्लेबाजी करने उतरी. भारतीय टीम के लिये महाराष्ट्र से आने वाली वीनू मांकड़ और दत्तु फाड़कर की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की कमर तोड़ी दी. जहां फाड़कर ने 3 विकेट चटकाये तो वहीं पर वीनू मांकड़ ने आजादी के बाद पहला 5 विकेट हॉल लेकर इतिहास रच दिया.
लाला अमरनाथ और विजय हजारे ने भी 1-1 विकेट चटकाये जिसके चलते वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की टीम 171 रन पर सिमट गई. रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के लिये वीनू मांकड़ ने 57 रनों की पारी खेलकर शुरुआत तो अच्छी की लेकिन बाकी प्लेयर्स से साथ नहीं मिलने की वजह से पूरी टीम 127 रन पर सिमट गई.
ड्रॉ पर खत्म हुआ था आजादी के बाद का पहला मैच
दूसरी पारी में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया ने 44 रन की बढ़त के साथ आगे खेलना शुरू किया लेकिन 4 विकेट के नुकसान पर 70 रन ही बना सकी तो समय खत्म हो गया. वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 114 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी लेकिन मैच में समय न होने की वजह से ड्रॉ पर समाप्त हो गया. यह था आजादी के बाद खेले गये भारत की पहली इंटरनेशनल टीम का पहला मैच और उसका पहला नतीजा.
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