नई दिल्ली: OCD: हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग ओब्सेसवि कंपल्सिव डिसऑर्डर यानी OCD की समस्या से ग्रसित हैं उनके जल्दी मरने की संभावना है. इसको लेकर स्वीडन में कारोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं की ओर से रिसर्च की गई है. रिसर्च में OCD से होने वाले गंभीर परिणामों के बारे में भी बताया गया है.
OCD से पीड़ित लोगों की जल्दी हो सकती है मौत
BMJ में प्रकाशित इस स्वीडिश रिसर्च के मुताबिक OCD से ग्रसित लोगों में बिना बीमारी वाले लोगों की तुलना में प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारणों से मरने की संभावना ज्यादा है. ऐसे में इसके घातक परिणामों को रोकने के लिए काम करना बेहद जरूरी है. रिसर्च का कहना है कि OCD लगभग 2 फीसदी आबादी को प्रभावित करती है. यह डिसऑर्डर न सिर्फ उनकी लाइफस्टाइल को प्रभावित करता है बल्कि यह आपके रिश्ते, रोज के काम-काज और सोशल लाइफ को नुकसान पहुंचाता है.
क्या कहती है रिसर्च
4 दशक यानी (1973-2020) तक चले इस रिसर्च में OCD से पीड़ित लगभग 61 हजार लोगों के ग्रुप की एक बिना OCD से पीड़ित 613,780 लोगों से तुलना की गई. इसमें पता चला कि OCD से ग्रसित औसतन 69 साल वाले लोगों की समय से पहले मृत्यु हो जाती है. वहीं जिन लोगों को ये समस्या नहीं है वे औसतन 78 साल तक जीवित रहते हैं. इस रिसर्च में पता चला कि OCD से पीड़ित लोगों में किसी भी कारण से होने वाली मृत्यु का खतरा 82 प्रतिशत बढ़ जाता है.
रिसर्च में आए रिजल्ट
रिसर्च के रिजल्ट को लेकर शोधकर्ताओं ने बताया कि OCD वाले लोगों में होने वाली मौत के सबसे मुख्य कारण नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज, सुसाइड और दुर्घटना मुख्य कारण थे. इस समस्या से परेशान लोगों की निगरानी और उनके इलाज पर तुरंत ध्यान देना चाहिए.
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