नई दिल्लीः पापुआ न्यू गिनी में बड़े पैमाने पर हुई जनजातीय हिंसा में कम से कम 53 लोगों की हत्या कर दी गई. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की खबरों में सोमवार को यह जानकारी सामने आई कि दक्षिण प्रशांत राष्ट्र के सुदूरवर्ती ईंगा प्रांत में रविवार को जातीय हिंसा हुई.
घात लगाकर किया गया हमला
रॉयल पापुआ न्यू गिनी कांस्टेबुलरी के कार्यवाहक अधीक्षक जॉर्ज काकस ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (एबीसी) को बताया कि दक्षिण प्रशांत राष्ट्र के सुदूरवर्ती ईंगा प्रांत में रविवार को एक जनजाति के सदस्य, उनके सहयोगी और भाड़े पर लड़ने वाले सैनिक पड़ोस के एक जनजाति समुदाय के लोगों पर हमला करने के लिए जा रहे थे कि तभी उन पर घात लगाकर हमला किया गया.
काकस ने एबीसी को बताया कि पुलिस को और शवों के बरामद होने की संभावना है क्योंकि बहुत से घायल छिपने के लिए झाड़ियों की ओर भाग गए थे.
पूरे ग्रामीण क्षेत्र में मारे गए आदिवासी
उन्होंने बताया, 'ये आदिवासी पूरे ग्रामीण क्षेत्र में मारे गये हैं, यह पूरा इलाका झाड़ियों से भरा है.' काकस ने बताया कि घटनास्थल, सड़कों और नदी किनारे से शवों को बरामद कर पुलिस ट्रकों में रखकर अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मी अब भी गोली लगे, घायलों और झाड़ियों की ओर भागे लोगों की तलाश में जुटे हैं.
उन्होंने बताया, 'हम मान कर चल रहे हैं कि संख्या 60 से 65 के आस-पास हो सकती है.' काकस ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में इस तरह की हिंसा में मरने वालों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है, जहां कुछ ही सड़कें हैं और ज्यादातर किसान ही रहते हैं. पोर्ट मोरेस्बी पुलिस ने नरसंहार को लेकर 'एसोसिएटेड प्रेस' के सवालों पर तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी.
सहायता के लिए तैयार है ऑस्ट्रेलिया
वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि उनकी सरकार पापुआ न्यू गिनी की सहायता करने के लिए तैयार है. पापुआ न्यू गिनी, ऑस्ट्रेलिया का निकटतम पड़ोसी है और सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलियाई विदेशी सहायता प्राप्त करने वाला देश है. अल्बानीज ने कहा, ''पापुआ न्यू गिनी से जो खबर आई है, वह बहुत परेशान करने वाली है.'
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