इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2023 में 9 मई को हुई हिंसा से संबंधित मामलों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान पर मुकदमा सैन्य अदालतों में चलाया जा सकता है. यह बात पाकिस्तानी सरकार के एक प्रवक्ता ने कही है.
पाकिस्तान सरकार से जुड़े व्यक्ति ने कही बात
पाकिस्तानी डॉन अखबार ने कानूनी मामलों के सरकारी प्रवक्ता अकील मलिक के हवाले से कहा कि पिछले साल नौ मई को हुई घटनाओं के बाद से सैन्य अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग होती रही है, क्योंकि सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया और उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया. बता दें कि 2023 में नौ मई को कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 71-वर्षीय संस्थापक खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने की थी तोड़फोड़
विरोध प्रदर्शन के दौरान इमरान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में ISI भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. भीड़ ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी हमला किया था.
सरकार के प्रवक्ता मलिक ने कहा-यह पूरी तरह से संभव है कि इमरान खान का मुकदमा सैन्य अदालत में चले. इसका कारण यह है कि (उनपर) सैन्य अधिनियम लागू होगा. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग द्वारा दायर तोशाखाना भ्रष्टाचार से जुड़े पहले मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद खान को पिछले साल पांच अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. तब से उन्हें विभिन्न मामलों में जेल में रखा गया है.
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