नई दिल्लीः भारत-कनाडा राजनयिक विवाद के बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ संबंधों पर बात की. उन्होंने कहा, 'हम इस समय भारत के साथ किसी झगड़े की स्थिति में नहीं पड़ना चाहते हैं. हम इस पर काम करना चाहते हैं.' ट्रूडो ने कहा कि अमेरिकी धरती पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश में एक भारतीय को आरोपी बनाए जाने के बाद कनाडा के साथ भारत के संबंधों में संभवत: एक 'व्यवहारगत बदलाव' आया है.
'अब सहयोग में एक तरह का खुलापन है'
ट्रूडो ने 'कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन' से कहा कि उन्हें लगता है कि अब उन्हें यह समझ आना शुरू हो गया है कि वे इस तरह से आगे नहीं बढ़ सकते और अब सहयोग में एक प्रकार का खुलापन है और वे संभवत: पहले इतने खुले नहीं थे. उन्होंने कहा कि अमेरिकी अभ्यारोपण से ऐसा प्रतीत होता है कि भारत सरकार एक विनम्र रुख अपनाने को राजी है.
'हम हिंद-प्रशांत रणनीति पर बढ़ना चाहते हैं आगे'
उन्होंने कहा कि ऐसी समझ है कि संभवत: केवल कनाडा के खिलाफ हमलावर होने से यह समस्या खत्म नहीं होगी. उन्होंने कहा, 'हम हिंद-प्रशांत रणनीति पर आगे बढ़ना चाहते हें लेकिन लोगों के अधिकारों, लोगों की सुरक्षा और कानून के शासन के लिए खड़े होना कनाडा के लिए जरूरी है. और हम यहीं करने जा रहे हैं.'
निज्जर की हत्या के बाद संबंध बेहद तनावपूर्ण
ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता के आरोप सितंबर में लगाए थे जिसके बाद से भारत और कनाडा के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. भारत ने साल 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' करार दिया
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' करार देते हुए खारिज कर दिया था. अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने नवंबर में एक भारतीय नागरिक पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. पिछले महीने अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता के खिलाफ एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश के लिए सुपारी देने का आरोप लगाया गया था.
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