दुनिया में सबसे ज्यादा पत्रकार चीन की जेलों में बंद, साल 2022 में इतने मीडियाकर्मियों ने हिंसा में गंवाई जान

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स स्थित समूह ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (आईएफजे) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल दुनियाभर में काम करते समय अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 9, 2022, 06:25 PM IST
  • IFJ की रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े
  • चीन की जेलों में बंद हैं सबसे ज्यादा पत्रकार
दुनिया में सबसे ज्यादा पत्रकार चीन की जेलों में बंद, साल 2022 में इतने मीडियाकर्मियों ने हिंसा में गंवाई जान

नई दिल्ली: दुनियाभर में इस साल काम करते समय मारे गए पत्रकारों की संख्या में पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत वृद्धि हुई है. शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. पत्रकारों के मारे जाने में हुई इस वृद्धि के लिए यूक्रेन में जारी युद्ध, हैती में फैली अव्यवस्था और मेक्सिको में अपराधी समूहों की तरफ से की जा रही हिंसा भी जिम्मेदार रही. 

IFJ की रिपोर्ट में सामने आए आंकड़े

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स स्थित समूह ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (आईएफजे) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल दुनियाभर में काम करते समय अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं. पिछले साल इनकी संख्या 47 थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने काम की वजह से 375 पत्रकार फिलहाल जेल में बंद हैं. इनमें से ज्यादातार चीन, म्यांमा और तुर्की में जेल में बंद हैं. 

चीन की जेलों में बंद हैं सबसे ज्यादा पत्रकार

पिछले साल की रिपोर्ट के अनुसार 365 पत्रकार सलाखों के पीछे थे. जेल में बंद पत्रकारों के मामले में चीन सबसे आगे है, जहां 84 पत्रकार सलाखों के पीछे हैं. 

इसके बाद म्यांमा (64), तुर्की (51), ईरान (34), बेलारूस (33), मिस्र (23), रूस व अधिकृत क्रीमिया (29), सऊदी अरब (11), यमन (10), सीरिया (9) और भारत (7) हैं. मीडिया कर्मियों की हत्या के मामलों में वृद्धि को देखते हुए समूह ने सरकारों से पत्रकारों व स्वतंत्र पत्रकारिता की रक्षा के लिए और ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है. 

यूक्रेन युद्ध कवर करते हुए हुई 12 पत्रकारों की मौत

आईएफजे के महासचिव एंथनी बेलंजर ने एक बयान में कहा, “कार्रवाई नहीं करने से उन लोगों को बढ़ावा मिलेगा, जो सूचना के मुक्त प्रवाह को दबाने की कोशिश करते हैं और अपने नेताओं को जवाबदेह ठहराने की लोगों की क्षमता को कमजोर करते हैं.” 

आईएफजे के अनुसार सबसे अधिक 12 पत्रकार यूक्रेन में युद्ध कवर करते हुए मारे गए. इनमें ज्यादातर यूक्रेनी थे, लेकिन अन्य देशों के पत्रकार भी शामिल थे, जैसे अमेरिकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता ब्रेंट रिनॉड. ज्यादातर पत्रकार युद्ध शुरु होने के पहले हफ्ते के अंदर मारे गए. आईएफजे ने कहा कि साल 2022 में पत्रकारों के मारे जाने के मामलों में हुई वृद्धि में मेक्सिको में आपराधिक संगठनों का आतंक और हैती में कानून-व्यवस्था के चरमरा जाने का भी योगदान रहा. 

मेक्सिको में पत्रकारों के लिए 2022 सबसे ज्यादा घातक रहा, जिसे किसी युद्धग्रस्त देश से अलग सबसे खतरनाक मुल्क माना गया है. समूह के अनुसार पाकिस्तान में इस साल पैदा हुए राजनीतिक संकट के कारण पांच पत्रकारों की जान गई. आईएफजे 140 से अधिक देशों के 6,00,000 मीडिया पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करता है. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर जारी की गई है.

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