Pakistani hindus last rite parampara: हाल ही में नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में तनाव जारी रहने के बावजूद पड़ोसी देश से 480 हिंदुओं और सिखों की अस्थियां हरिद्वार में गंगा नदी में विसर्जन के लिए लाई गई हैं. इस समूह की अस्थियां 21 फरवरी को विसर्जित की जाएंगी.
पाकिस्तान से आए लोगों ने बताया कि उनके पास भारत के लिए 30 दिन का वीजा है. अस्थियों को 21 फरवरी को पवित्र गंगा नदी में विसर्जित किया जाएगा. अब सवाल ये कि क्या हर पाकिस्तानी हिंदू ऐसे ही अस्थियां विसर्जित करने भारत आता है?
जी नहीं, पाकिस्तान से भारत आना एक कठिन टेस्ट को पास करने जैसा है. इस बात का अंदाजा इसी से लग सकता है कि गंगा नदी में विसर्जन के लिए अब जो पाकिस्तान से 480 हिंदुओं और सिखों की अस्थियां लाई गई हैं, यह 1947 के बाद से ऐसा सिर्फ तीसरी बार हुआ है.
तो सवाल ये कि वहां के हिंदू कैसे दाह संस्कार करते हैं और गंगा नहीं है तो किस नदी में विसर्जित कर दी जाती हैं अस्थियां?
बता दें कि बार-बार पाकिस्तान से भारत लाकर अस्थियां गंगा में विसर्जित करना एक मुश्किल कार्य है. वीजा समेत तमाम औपचारिकता होती हैं. ऐसे में पहले तो ये जान लें कि पाकिस्तान में दाह संस्कार पर किसी तरह की रोक नहीं है, लेकिन वहां अंतिम संस्कार की सामग्री काफी महंगी है और आसानी से हर जिले में मिलती भी नहीं है.
तो क्या करते हैं हिंदू
तो ऐसे में हिंदू समुदाय अपने लोगों को दफन कर देता है, लेकिन यहां भी एक बात जो समझने वाली है वो ये कि दफनाने की प्रक्रिया मुस्लिम प्रक्रिया से बिलकुल अलग होती है. हिंदुओं में शव को बिठाकर दफनाया जाता है. ऐसे में शव दफनाने के बाद उस पर शंकु के आकार की समाधि बना दी जाती है. बाकी गंगा में अस्थियां ना विसर्जित करने के कारण पाकिस्तानी हिंदू उधर ही नदियों में अस्थियां बहा देते हैं.
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